लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और बसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ चुकी समाजवादी पार्टी (सपा) अब “एकला चलो” के सिद्धांत पर चलेगी। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस में से किसी के भी साथ गठजोड़ नहीं करेगी। उन्होंने बीते चुनावों में गठबंधन की हालत का हवाला देते हुए कहा कि राजनीति में कई बार सीखने को बहुत कुछ मिलता है।

शनिवार को प्रसारित इस इंटरव्यू में सपा अध्यक्ष ने साफतौर पर कहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वह किसी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। उनकी पार्टी प्रदेश में अकेले ही चुनाव लड़ेगी। चाचा शिवपाल यादव के साथ आने के सवाल पर अखिलेश ने दो टूक कहा कि उनकी पार्टी से जसवंतनगर सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा। जाहिर है कि अखिलेश यादव चाचा शिवपाल को लेकर सख्ती के मूड में नहीं हैं।

उन्होंने कोरोना वायरस संकट के दौरान प्रदेश और केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर उन पर जमकर हमला बोला। अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसों को लेकर केवल राजनीति की गई। प्रियंका गांधी के हजार बसों के इंतजाम के सवाल पर कहा, “यूपी को किसी की मदद की जरूरत नहीं थी। सरकार ने पहले ही कहा था कि उसके पास 70 हजार बसे हैं।” कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोटा से छात्र-छात्राओं को बसों से वापस भेजा गया तो ये बसें मजदूरों को क्यों नहीं मिलीं और पंजाब से भी मजदूरों को बसें क्यों नहीं उपलब्ध कराई गईं। गौरतलब है कि राजस्थान और पंजाब दोनों प्रदेशों में कांग्रेस की सरकारें हैं।

योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा, “उत्तर प्रदेश में सीमाओं पर गोरखपुर, आजमगढ़, देवरिया का मजदूर पड़ा रहा। उन्हें गाय के साथ रखा गया। वे लोग 9-9 दिन बिना खाए-नहाए रहे। झांसी में झगड़ा हो गया और टीम-11 के साथ सीएम बैठे रहे। उन्हें सब पता था कि क्या हो रहा है। सरकार ने इतना पैसा इकट्ठा किया। तमाम भत्ते खत्म कर दिए लेकिन लोगों के लिए क्या किया?” उन्होंने अपील की कि जो गरीब जान गंवा रहे हैं, सरकार उनकी मदद करे।

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