आरोप है कि 50 हजार रुपये देने का बाद भी काम करने के बजाय तहसीलदार ने 50 हजार और मांगे। इससे क्षुब्ध होकर किसान ने अपनी भैंस उनकी गाड़ी पर बांध दी।

भोपाल। गुड गवर्नेंस और पारदर्शी शासन के तमाम दावे अक्सर सरकारी दफ्तरों की चौखट पर दम तोड़ते रहते हैं। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ का ऐसा ही एक मामला सामने आया है। दरअसल, यह दिलचस्प मामला टीकमगढ़ जिले के खरगापुर का है जहां एक तहसीलदार के रिश्वत मांगने से आजिज आकर एक किसान ने अपनी भैंस को उनकी जीप से बांध दिया।  

किसान लक्ष्मी यादव का कहना है कि उसे एक जमीन के कागजों में बदलाव करवाना था। काफी प्रयास के बाद भी यह काम नहीं हुआ तो उसने न्याय की आस में तहसीलदार सुनील वर्मा से संपर्क किया। वर्मा अपने सहयोगियों से भी ज्यादा पहुंचे हुए निकले और यादव से कागज में बदलाव करने के लिए 50 हजार रुपये की मांग रख दी। सरकारी दफ्तर के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो चुके लक्ष्मी यादव ने 50 हजार दे भी दिए। इसके बावजूद काम नहीं हुआ तो लक्ष्मी यादव ने सुनील वर्मा से फिर संपर्क किया। आरोप है कि सुनील वर्मा ने 50 हजार रुपये और देने को कहा। तहसीलदार की इस मांग से हैरान-परेशान लक्ष्मी यादव को कुछ नहीं सूझा तो उसने तहसील कार्यालय पर खड़ी तहसीलदार सुनील वर्मा की सरकारी जीप पर अपनी भैंस बांध दी। बकौल लक्ष्मी यादव, उसके पास रिश्वत देने के लिए रुपये बचे ही नहीं थे तो और क्या करता।

इस घटना की जानकारी होने होने पर तहसील कार्यालय पर लोगों का जमावड़ा लग गया। उधर जिलाधिकारी वंदना राजपूत का कहना है कि पीड़ित किसान आरोपी तहसीलदार पर शिकायत दर्ज कराए। इसके बाद मामले की जांच की जाएगी। 50

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