नई दिल्ली। समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। उन्होंने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। फिलहाल, हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को मंजूर करके निचली अदालत के फैसले पर स्टे लगा दिया है। हाईकोर्ट अब मामले की सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि दिल्ली की राउज एवेनयू अदालत ने रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार के 20 साल पुराने मामले में जया जेटली, उनकी पार्टी के पूर्व सहयोगी गोपाल पचेरलवाल और सेवानिवृत्त मेजर जनरल एसपी मुरगई को 4-4 साल कैद की सजा सुनाई थी।
निचली अदालत ने तीनों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। साथ ही आज गुरुवार को शाम 5 बजे तक तीनों को सरेंडर करने का आदेश दिया था। विशेष सीबीआई जज वीरेंदर भट के समक्ष सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि दोषियों को अधिक से अधिक सजा देनी चाहिए क्योंकि उनके द्वारा किए गए अपराधों की प्रकृति बेहद गंभीर है। सीबीआई ने कहा था कि तहलका न्यूज पोर्टल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद इस मामले में आरोपियों की भूमिका खुले तौर पर सबके सामने आई।
यह मामला जनवरी 2001 में न्यूज पोर्टल तहलका पर प्रसारित “ऑपरेशन वेस्टएंड” से सामने आया था। यह एक स्टिंग ऑपरेशन था। कैमरे की निगरानी में हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि दोषियों के साथ सख्ती की जानी चाहिए क्योंकि अपराध की प्रकृति बेहद गंभीर है और उन्हें अधिकतम सात साल के कारावास की सजा सुनाई जानी चाहिए। वहीं जया जेटली की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से अपील की थी कि उनकी मुवक्किल की उम्र बहुत ज्यादा है, लिहाजा उनकी उम्र को देखते हुए सजा सुनाने में नरमी बरती जाए। इससे पहले 25 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जया जेटली और अन्य दोनों आरोपियतो को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया था।
तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस की करीबी सहयोगी रहीं जया जेटली ने भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद समता पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इस मामले में वर्ष 2006 में आरोप-पत्र दाखिल किया गया और वर्ष 2012 में आरोप तय किए गए थे।