नई दिल्ली। (Vikas Dubey case hearing in Supreme Court) सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दुर्दांत अपराधी विकास दुबे मामले की सुनवाई के दौरान बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “एक व्यक्ति, जिसे सलाखों के पीछे होना चाहिए था, उसे जमानत मिल जाना संस्था की विफलता है। हम इस तथ्य से स्तब्ध हैं कि अनेक मामले दर्ज होने के बावजूद विकास दुबे जैसे व्यक्ति को जमानत मिल गई।” साथ ही शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि विकास दुबे मुठभेड़ की जांच के लिए गठित समिति में सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को शामिल करने पर विचार किया जाए।

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने विकास दुबे की पुलिस मुठभेड़ में मौत और कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों के नरसंहार से संबंधित याचिकाओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां कीं। 

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि उसे कानून का शासन बरकरार रखना है। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने कतिपय बयानों के बाद अगर कुछ होता है तो उन्हें इस पर ध्यान देना है। पीठ ने कहा, “आपको एक राज्य के रूप में कानून का शासन बरकरार रखना है। ऐसा करना आपका कर्तव्य है।”

पीठ ने कहा कि वह इस जांच समिति का हिस्सा बनने के लिए अपने किसी मौजूदा जज को उपलब्ध नहीं करा सकती है। पीठ ने जांच समिति में कुछ बदलाव के सुझाव दिए और इस बारे में 22 जुलाई तक राज्य सरकार से प्रस्ताव का मसौदा मांगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में दाखिल हलफनामे में न्यायालय को सूचित किया है कि उसने विकास दुबे और और उसके साथियों की मुठभेड़ में मौत के मामले की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति शशि कांत अग्रवाल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है।

जांच आयोग को 12 जुलाई से दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करनी है। इस मामले की सुनवाई के दौरान मेहता ने पीठ से कहा कि जांच आयोग में बदलाव के सुझावों के बारे में अधिसूचना का मसौदा 22 जुलाई को पेश करेंगे। मेहता ने कहा कि इस मामले में कानून ने अपना काम शुरू कर दिया है और जांच शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि दुबे पैरोल पर था और उसके खिलाफ 65 प्राथमिकी दर्ज थी।
 

error: Content is protected !!