रुद्रपुर (उधमसिंह नगर)। ट्रांजिट कैंप क्षेत्र की राजा कॉलोनी में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर शवों को घर में ही दफन कर दिया गया। इस सामूहिक हत्याकांड में घर के दामाद का हाथ बताया गया है जिसने अपने एक दोस्त की मदद से करीब सवा साल पहले सास, ससुर और दो सालियों की हत्या कर शवों को घर में ही मिट्टी में दबा दिया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि संपत्ति को हड़पने के लिए इस जघन्य कांड को अंजाम दिया गया।
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के मीरगंज तहसील के पैगा नगरी गांव के मूल निवासी नरेंद्र गंगावार की नजर ससुर की संपत्ति पर थी। इसके लिए उसने इस हत्याकांड का ताना-बाना बुना। इससे पहले कि वह अपने असली मंसूबे में कामयाब हो पाता, किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने शुक्रवार को खुदाई कराई तो चार कंकाल बरामद हुए।
पुलिस के मुताबिक, रुद्रपुर निवासी हीरालाल (55), उसकी पत्नी हेमवती (45) और दो बेटियां पार्वती (24) और दुर्गा (20) ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में रहते थे। उन्होंने अपनी सबसे बड़ी बेटी लीलावती की शादी नरेंद्र गंगवार से की थी। विवाह के बाद से नरेंद्र ससुराल में ही रहता था। इसी बीच वर्ष 2015 में संपत्ति को लेकर विवाद हुआ। नरेंद्र और उसकी पत्नी लीलावली पूरी संपत्ति हड़प लेना चाहते थे। इसके लिए हीरालाल पर दबाव भी बनाया। हीरालाल ने 2 और बेटियां होने का हवाला देते हुए ऐसा करने से इन्कार कर दिया। इस पर नरेद्र पत्नी लीलावती और 4 बच्चों के साथ अलग रहने लगा।
नरेंद्र भले ही अलग रहने लगा पर ससुर की पूरी जायदादा हड़प करने की साजिश रचता रहा। 20 अप्रैल 2019 को नरेंद्र, उसकी पत्नी लीलावती और किराएदार विजय ने चारों को मौत के घाट उतार दिया। पूछताछ में नरेंद्र ने जुर्म कबूल कर लिया है। उसने बताया कि बीते साल 20 अप्रैल को तीनों ने मिलकर पहले ससुर और एक साली की हत्या की। फिर बाहर से दूध लेकर लौटीं सास और दूसरी साली को भी मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शवों को घर में ही दफन कर दिया।
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि दामाद ने संपत्ति हड़पने के लिए सास-ससुर और दो सालियों को मार कर घर के भीतर उनके शव गाड़ दिए थे। करीब सवा साल से चारों लोग लापता थे। शुक्रवार को अचानक पुलिस को सूचना मिली तो उन्होंने घर की खुदाई करवाई। पुलिस ने नरेंद्र और उसकी पत्नी को हिरासत में ले लिया है।
मारे गए चारों लोग और आरोपित नरेंद्र गंगवार मूल रूप से बरेली की मीरगंज तहसील क्षेत्र के रहने वाले थे। वे 15 साल से रुद्रपुर में रह रहे थे।