लखनऊ। यह खबर खासतौर पर उन लोगों के लिए है जिन्होंने लंबे समय से बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया है अथवा आलस्य और लापरवाही के चलते कई-कई माह के बिल का भुगतान एक साथ करते हैं। समय से बिजली का बिल न जमा करने वालों ऐसे लोगों पर ऊर्जा निगम की नजरें तिरछी हो गई हैं। ऊर्जा निगम ने जहां एक तरफ बिल जमा न करने वाले पांच किलोवाट से अधिक क्षमता वाले बकायेदारों का कनेक्शन काटने की योजना बनाई है, वहीं घोटालेबाज और लापरवाह अभियंताओं पर भी शिकंजा कस रहा है।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इंजीनियरों पर कार्रवाई के साथ ही कई बिंदुओं पर जांच कराने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को विभागीय कामकाज की समीक्षा के दौरान शर्मा ने उन सभी बकाएदारों के बिजली कनेक्शन काटने के निर्देश दिए जिनका विद्युत कनेक्शन पांच किलोवाट से अधिक क्षमता का है और उन्होंने दो महीने या इससे अधिक समय से बिल जमा नहीं किया है।
कामकाज की समीक्षा के दौरान लापरवाही पाये जाने पर बरेली के मुख्य अभियंता जबकि ट्रांसफार्मर की बैलेंसिंग में लापरवाही पर प्रयागराज के मुख्य अभियंता को कार्रवाई की चेतावनी दी गई। प्रयागराज के एक एसडीओ को कामकाज में लापरवाही पाये जाने पर विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए गए।
विभागीय स्टोर की जांच में गड़बड़ सामग्री पाए जाने पर जिन कंपनियों को काली सूची में दर्ज किया गया था, खरीद से पहले उन कंपनियों के सामान की जांच करने वाले 40 इंजीनियरों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इनमें पश्चिमांचल के 15, दक्षिणांचल के 12, पूर्वांचल के नौ और मध्यांचल निगम के चार इंजीनियर शामिल है। ऊर्जा मंत्री ने हरदोई के स्टोर का विशेष ऑडिट कराने के भी निर्देश दिए। साथ ही लापरवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की भी चेतावनी दी।
ऊर्जा मंत्री ने नए लगे खंभों के आंधी-पानी में उखडऩे और टूटने पर नाराजगी जताते हुए इसकी विशेष जांच कराने को भी कहा। उन्होंने संविदाकर्मियों के हर महीने समय पर वेतन दिलाने के लिए दिशा-निर्देश भी दिए।