धर्म संसद में केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की परंपरा की रक्षा करने पर सहमति बनी। इसमें तय किया गया कि सबरीमाला का आंदोलन भी अयोध्या आंदोलन के समकक्ष होगा।

प्रयागराज । कुंभनगर में गुरुवार को शुरू हुई विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की धर्म संसद में केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की परंपरा की रक्षा करने पर सहमति बनी। इसमें तय किया गया कि सबरीमाला का आंदोलन भी अयोध्या आंदोलन के समकक्ष होगा। इसके साथ ही साथ आंदोलनकारियों पर केरल सरकार की कार्रवाई की निंदा की गई। धर्म संसद में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ गौ रक्षा, गंगा समेत अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होनी है।

धर्म संसद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के अलावा देश के प्रमुख संत भी शिरकत कर रहे हैं। प्रयागराज में हो रही इस दो दिवसीय धर्म में देशभर से ढाई हजार साधु संतों शामिल हैं।

धर्म संसद से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुंभ क्षेत्र पहुंचे। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से साथ ही महंत नृत्य गोपालदास से भी भेंट की। संतों से भेंट करने के बाद योगी आदित्यनाथ गोरखपुर रवाना हो गए। योगी आदित्यानाथ से मुलाकात के बाद पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बताया कि योगी आदित्यनाथ उनके पास राम मंदिर के लिए समर्थन मांगने आए थे। बुधवार को शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के 21 फरवरी को शिलान्यास करने की घोषणा के बाद राम मंदिर निर्माण को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। धर्म संसद में विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष वीएस कोकजे, कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, केंद्रीय महामंत्री संगठन विनायक राव देशपांडेय, केंद्रीय उपाध्यक्ष चम्प राय, केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांदे, केंद्रीय संत सम्पर्क प्रमुख अशोक तिवारी, केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्रा आदि पदाधिकारी शामिल हुए।

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