नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंपने से पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय के के अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की। इस दौरान अपने पहले कार्यकाल के आखिरी संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आपने कई पीएम देखे हैं, कई मंत्री देखे हैं, मैं पहला पीएम हूं जिसने आपको देखा है… आपने कभी मुझे अकेलापन महसूस नहीं होने दिया है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘ बिखरे हुए फूल की माला बनाने का और धागे के रूप में ना जान ना पहचान उसके बावजूद भी माला की शोभा बढ़ाने वाले आप सभी साथियों का बहुत बहुत धन्यवाद। ‘

https://www.youtube.com/watch?time_continue=207&v=k_6g1NbdaKo

पीएम मोदी ने कहा, ‘देश और दुनिया को लगता है कि पीएम सफल हुए। लेकिन पांच साल की अखंड एक निष्ठ साधना जिसका लक्ष्य रहा देश के सामान्य मानवी के जीवन में आशा और बदलाव दोनों संचारित हो। अब ये काम का क्रेडिट तो पीएम को मिलता है, टीवी पर पीएम दिखता है, अखबार में पीएम दिखता है, बधाईयां भी पीएम के खाते में जमा होती है। लेकिन जब तक कोई टीम नहीं होती है और समर्पित टीम नहीं दिखती है। तब तक संकल्प कितने ही दृढ़ क्यों ना हो, सपने कितने ही सुखाने क्यों ना हो, इरादे कितने ही नेक क्यों ना हो परिणाम मिलना बड़ा मुश्किल होता है, परिणाम तब मिलता है जब पीएम की सोच और आपके साथियों की वेललेंथ मिलती हो।

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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पीएम जो बात रखेंगे, एक-आध मीटिंग में जो बोलेंगे, जो विचार रखेंगे वो दस-पंद्रह शब्दों में बोलेंगे. उसको पकड़ करके एक नीति का रूप देना, व्यवस्था का रूप देना, इंप्लिमेंटेश का रोडमैप बनाना, उसको लागू करवाना, मॉनिटरिंग करना ये अपने आप में बहुत लंबी प्रक्रिया होती है। वो टीम के बिना संभव नहीं होता है, इसलिए पांच साल तक जिस इरादे से 2014 में चले थे 2019 तक हमने हमारे मार्ग में जरा भी डाइल्यूजन नहीं आने दिया, डाइवर्जन नहीं आने दिया. और डेडिकेशन हम बढ़ाते गए। उसी का परिणाम है कि हम अपेक्षाओं को पूरा करते गए। ‘

उन्होंने कहा, ‘आपने कई पीएम देखे हैं, कई मंत्री देखे हैं, पहला पीएम हूं जिसने आपको देखा है। आपने अकेलापन महसूस नहीं होने दिया है। मैं और मेरी सफलता के पीछे कोई एक चीज़ है वो यह कि मैं अपने भीतर के विद्यार्थी को मरने नहीं देता हूं । मैं आपको गुरू मानने को तैयार रहता हूं। ‘

पीएम मोदी ने कहा, ‘आपने इस दौरान बहुत कुछ छोड़ा भी होगा, छुट्टियां नहीं मना पाए, बर्थडे नहीं मना पाए, आपके परिवार का भी त्याग है… आपके माध्यम से परिवार का भी हार्दिक धन्यवाद है… कुछ पड़ाव आते हैं, जो नए इरादे उर्जा भर देते हैं… पहले पांच साल थे तो थे, लेकिन अगले पांच साल और अलग होगा…मेरी अनुभवहीनता और आग्रह के कारण कठिनाई आई होगी.. तो उसके लिए जो असुविधा हुआ उसके लिए आभार..।

By vandna

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