नई दिल्ली। मिलावटखोरों का मकड़जाल पूरे देश में फैला है। लोगों के स्वास्थ्य और जिंदगी के साथ खिलावाड़ करने वाले मानवता के इन दुश्मनों ने किसी भी खाद्य पदार्थ को नहीं छोड़ा है। दूध, घी, तेल, मसाले, मिठाई, सब्जियों, फलों में मिलावट के मामले सामने आते रहते हैं। ताजा मामला नरेंद्र मोदी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री का है जिनकी डायनिंग टेबल तक मोम की परत चढ़ा सेब पहुंच गया। अधिकारी अब दिल्ली के मशहूर खान मार्केट के इस फल विक्रेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं। इन आयातित सेबों की कीमत 420 रुपये प्रति किलोग्राम है।
दरअसल, खाद्य एवं आपूर्ति और उपभोक्ता मंत्रालय के मंत्री राम
विलास पासवान को दक्षिणी दिल्ली के खान मार्केट में स्थित एक
फलों की एक प्रतिष्ठत दुकान से लाए गए सेबों पर मोम की परत दिखी जिसे सेबों को ज्यादा चमकदार दिखाने के लिए
लगाया गया था। जैसे ही उन्होंने इस मुद्दे को उठाया विभिन्न एजेंसियां कार्रवाई के
मोड में आ गईं। उनके
मंत्रालय ने खाद्य सुरक्षा नियामक (एफएसएसएआई) को पत्र लिखकर उपभोक्ताओं को विष
पदार्थ वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री पर ध्यान देने के लिए कहा है।
पासवान ने कहा, “जब
मैं रशियन सलाद बनाने जा रहा था तो कुक से सेबों को धोने के लिए कहा। मैं इस बात
को ध्यान में रखता हूं कि सभी चमकदार खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से धोया जाए।
उसने मुझे बताया कि कई बार धोने के बावजूद सेब चमक रहे हैं। जब उसने चाकू से मोम
की परत हटाई तो हमने पाया कि सेबों को चमकदार बनाने के लिए उस पर मोम की मोटी परत लगाई गई है। मैंने अपने
विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।”
दुकानदार ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसे
आजादपुर मंडी से मोम की परत वाले अमेरीकी सेबों का पैकेट मिला है। दुकान के मालिक
ने कहा, “हम मोम की परत वाले किसी भी फल को नहीं बेचते
हैं और इसलिए हमारे अलग-अलग ग्राहक हैं। जैसे ही हमें शिकायत मिली हमने उन सेबों
को हटा दिया। हम सर्वश्रेष्ठ मानकों का पालन करते हैं और पहले कभी ऐसा कोई मामला
नहीं आया। गुणवत्ता निरीक्षक जो नियमित अंतराल पर हमारी दुकान पर आते हैं, उन्हें
यहां कभी भी कोई मोम वाला फल नहीं मिला।”
पासवान ने अपना यह निजी
अनुभव मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान तब बताया जब उनसे उपभोक्ताओं से अतिरिक्त
सावधानी बरतने और अतिरिक्त चमकदार दिखने वाले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से
धोने की अपील करने के लिए कहा गया। एफएसएसएआई ने फलों और सब्जियों पर मोम की परत
को लेकर मानदंड अधिसूचित किए हैं। एफएसएसएआई द्वारा अनुमोदित अच्छी गणवत्ता वाले
मोम लगे फल आमतौर पर खाने के लिए सुरक्षित होते हैं।