नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी 2020 को दिए अपने फैसले में लागू की गई कट-ऑफ की तारीख के बाद 14 साल की सेवा पूरी करने वाली महिला सेना अधिकारियों की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सेना में महिलाओं को उनकी सेवा की परवाह किए बिना सभी 10 धाराओं में स्थाई कमीशन दिया जाना चाहिए।
दरअसल, सेना में महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन को शीर्ष अदालत ने अपनी मंजूरी दी थी जिसके बाद उन महिला अधिकारियों ने एक याचिका दाखिल की जिन्होंने कट ऑफ डेट के बाद विस्तार के लिए 14 साल की सेवा पूरी कर ली थी। उनकी मांग थी कि उनकी सेवा 20 साल की कर दी जाए ताकि उन्हें 20 साल के हिसाब से पेंशन और दूसरी सुविधाएं मिल सकें। सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज करते हुए कहा, “हम मदद करना चाहते हैं लेकिन हमें कहीं तो एक सीमा रेखा खींचनी होगी।”
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि स्थाई कमीशन का लाभ उठाने के लिए और पात्रता हासिल करने के लिए मार्च 2020 में 14 साल पूरा कर चुकी अधिकारियों के एक बैच के लिए राहत और अन्य लाभों के गंभीर निहितार्थ होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर बैच 14 वर्ष पूरा कर रहा होगा। हमारे फैसले के मुताबिक जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की तिथि के अनुसार 14 साल की सेवा पूरी कर ली थी, उन्हें पेंशन और स्थाई कमीशन का लाभ मिलेगा। कट ऑफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीख है। अगर हम इसे संशोधित करते हैं तो हमें क्रमिक बैचों के लिए संशोधन करना होगा।
सुनवाई के दौरान महिला सेना अधिकारियों का पक्ष रखते हुए वकील मीनाक्षी लेखी ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला 17 फरवरी को आया था जबकि याचिकाकर्ता महिला अधिकारियों ने मार्च में 14 साल पूरे किए। उन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए क्योंकि सरकार ने जुलाई में आदेशों को लागू करना शुरू किया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की वकील मीनाक्षी लेखी से कहा, “एक तरह से आप फैसले में संशोधन कि मांग कर रही हैं। यह संभव नहीं है। आप इस आवेदन को वापस ले लें। आप चाहें तो पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती हैं।”
गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका का विरोध किया। रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि 16 जुलाई 2020 को जब सरकार ने स्थाई कमीशन से संबंधित आदेश पारित किए तो उन सभी को पेंशन देने का फैसला किया गया जिन्होंने 17 फरवरी 2020 तक 14 साल की सेवा पूरी कर ली थी। यदि आप खुली समाप्ति की अनुमति देते हैं तो ये सरकार के लिए अकल्पनीय हो जाएगा। हर छह महीने में बैच को कमीशन मिलता है। हम उन्हें इस तरह लाभ प्राप्त करने की अनुमति नहीं दे सकते।
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