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उत्तराखंड में मौसम के तेवर फिर तल्ख, मृतक संख्या पहुंची 77

प्रकाश नौटियाल, देहरादून : उत्तराखंड में आपदा के पांच दिन बाद भी 130 सड़कें नहीं खुल पाई हैं और मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। मृतक संख्या 69 से बढ़कर 77 पहुंच गई है। इधर, मौसम फिर से तेवर बदलने लगा है। हालांकि  भारी बारिश की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है पर आज शनिवार को देर रात व कल रविवार को बारिश होने के आसार हैं। उधर नैनीताल के बलियानाला क्षेत्र में शनिवार को फिर भूस्खलन हो गया। इससे तमाम भवनों को खतरा उत्पन्न हो गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित चंपावत का भ्रमण किया और भारी बारिश के कारण जान गंवाने वालों के परिवारीजनों से मिलकर उन्हें सान्त्वना दी।

केदारनाथ धाम में बर्फबारी

छह रोज पहले उत्तराखंड में कहर बरपाने के बाद मौसम के तेवर फिर तल्ख होने लगे हैं। अगर आप लोगों का पर्वतीय क्षेत्रों में जाने का कोई कार्यक्रम है तो फिलहाल इसे टाल ही दें। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में शनिवार और रविवार यान दो दिन मौसम करवट बदल सकता है। कई जिलों में हल्की बारिश के आसार हैं। केदारनाथ धाम में बर्फबारी शुरू हो गई है। श्रद्धालु बर्फबारी के बीच ही केदार बाबा के दर्शनों को उमड़ रहे हैं।

उत्तराखंड में फिलहाल कहीं भी भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी नहीं की गई है लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में लोग अब भी दहशत में हैं। अगले दो दिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान की ओर से ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत पहुंच सकता है, जिससे उत्तराखंड में नैनीताल, चंपावत, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग समेत आसपास के क्षेत्रों में हल्की बारिश के आसार बन रहे हैं। इस दौरान 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की भी संभावना है।

प्रदेश में भारी बारिश के बाद आई आपदा में मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को गढ़वाल में लापता दो ट्रैकरों के शव मिल गए थे। गुरुवार को पांच शव मिले थे। सभी सातों शव शुक्रवार को निकाले गए। बागेश्वर के पिंडारी ग्लेशियर में भी पांच लोगों के हताहत होने की सूचना है। इसके साथ ही प्रदेश में अब तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है।

पिथौरागढ़ में 50 सड़कें अब भी अवरुद्ध

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की तरफ से शुक्रवार को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि आपदाग्रस्त जनपद नैनीताल में एक राष्ट्रीय और चार राज्य मोटर मार्ग के साथ ही 27 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं, जिन्हें लोनिवि खोलने के प्रयास में लगा है। पिथौरागढ़ में सर्वाधिक 50 सड़कों पर अभी वाहनों का संचालन नहीं हो पा रहा है। इनमें सात सीमावर्ती व तीन मुख्य मार्ग भी शामिल हैं जबकि, टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय मार्ग स्वाला व भारतोली के पास बार-बार भूस्खलन व पत्थर गिरने से अवरुद्ध है, जिले में 21 सड़कें अभी बाधित हैं। गढ़वाल मंडल में सिर्फ आठ सड़कें ही बाधित हैं। लोनिवि के प्रभारी प्रमुख अभियंता प्रमोद कुमार ने बताया कि राज्य भर में विभिन्न अवरुद्ध सड़कों को खोलने के लिए 143 जेसीबी लगाई गई हैं।

नैनीताल के बनियानाला में  भूस्खलन

नैनीताल के बलियानाला क्षेत्र में शनिवार को फिर भूस्खलन हो गया। भूस्खलन जीआईसी विद्यालय के मुहाने तक पहुंच गया है। इससे विद्यालय समेत तमाम भवनों को भारी खतरा पैदा हो गया है। इस जगह पर कुछ दिन पहले भी भूस्खलन हुआ था। बलियानाला क्षेत्र नैनीताल शहर की तलहटी में स्थित है। यहां दशकों से भूस्खलन होता आ रहा है। अब तक कोई भी तकनीक इसे रोकने में कामयाब नहीं हुई है। धीरे-धीरे यह शहर की ओर बढ़ रहा है। इसकी जद में आए अनेक भवन पूर्व में खाली कराए जा चुके हैं और दर्जनों लोग यहां से विस्थापित हो चुके हैं।

बिना अनुमति ग्लेशियरों की ओर गए तो लगेगा जुर्माना

अब बिना अनुमति के ग्लेशियरों की तरफ जाने वालों पर शिकंजा कसेगा। बिना पंजीकरण के जाने पर प्रशासन के पास रेस्क्यू की स्थिति में कोई जानकारी नहीं होती। इससे रेस्क्यू कहां चलाएं, कुछ पता नहीं होता और जान बचने की उम्मीद कम हो जाती है। हालांकि, हिमालयी क्षेत्र को जाने वालों के लिए कपकोट बाजार में पंजीकरण कार्यालय खोला गया है। यहां लगभग 150 रुपये का शुल्क देना होता है। टूर आपरेटर पैसा बचाने के चक्कर में पंजीकरण नहीं कराते हैं पर अब वन विभाग की अनुमति के बिना नंदादेवी ईष्ट जाने वाले पर्वारोहियों पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है। इसके नेशनल रिजर्व क्षेत्र का उल्लंघन करने पर विभिन्न धाराओं में छह माह से तीन वर्ष तक की सजा का भी प्रावधान है। इसके अलावा वन और अदालत में केस भी चलता है।

मुख्यमंत्री धामी चंपावत गए, पीड़ित परिवारों से मिले

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आपदा प्रभावित चंपावत का भ्रमण किया। चंपावत के तेलवाड़ा में उन्होंने भारी बारिश के कारण जान गंवाने वाले परिवारों के परिजनों से मिलकर उनके प्रति संवेदना व्यक्ति की। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की। कहा कि सरकार इस मुश्किल घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़ी है। सरकार की तरफ से पीड़ितों को हर संभव मदद दी जाएगी। साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि जिले में आपदा प्रभावितों को जल्द से जल्द मुवावजे देने की कार्रवाई पूरी की जाए।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में लापरवाही ना बरती जाए और कार्यों में तेजी लाए जाए। साथ ही आपदा राहत कोष से लोगों को राहत दी जाए। निर्देश दिए कि, जिन परिवारों को विस्थापित किया जाना है उनके लिए स्थान का जल्द से जल्द चयन करें। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भू सर्वेक्षण करवाएं। एडीएम को नोडल अधिकारी बनाया जाए।

विधायक फर्त्याल ने मंत्री को सुनाई खरी खोटी

चंपावत क्षेत्र में आपदा के बाद दौरे पर पहुंचे राज्य के आपदा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को आपदा राहत कार्यों में देरी पर विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने जमकर खरी-खोटी सुनाई। विधायक ने आरोप लगाया कि मंत्री उन्ही स्थानों पर आपदा का दौरा कर रहे हैं, जहां चॉपर उतर सके। कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में इस आपदा से सात लोगों की जान गई है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

gajendra tripathi

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