नई दिल्ली। कोरोना वायरस इन दिनों पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से उबरे कई लोग अब एक नए खतरे का सामना कर रहे हैं। ये है ब्लैक फंगस (Black Fungus)। देशभर में कोरोना संक्रमण से उबरे मरीज़ों में तेजी से ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस (Mukaramycosis) के मामले सामने आ रहे हैं। कई लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है तो राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में ब्लैक फंगस की वजह से तमाम लोगों को जान गंवानी पडी है। इसके चलते भय का माहौल है। इसको देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट करके लोगों को सलाह दी है कि किस तरह इस संक्रमण में अपनी देखरेख खुद करें। इस ट्वीट में बताया गया है कि किस तरह जागरूकता और शीघ्र निदान इस फंगल संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है। डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट में इस बीमारी का पता लगाने और इसे रोकने का तरीका भी बताया है।
क्या है ब्लैक फंगस?
यह बीमारी उन लोगों को होती है जिनको पहले से ही कई गंभीर बीमारी है जिसकी वजह से पर्यावरण में मौजूद संक्रमण से लड़ने की उनकी क्षमता कम हो चुकी होती है। खासकर मधुमेह यानी यबिटीज़ के मरीज़ों में वातावरण में मौजूद रोगजनक वायरस, बैक्टीरिया या दूसरेपैथोजन्स से लड़ने की क्षमता कम होती है।
ब्लैक फंगस से कोई भी संक्रामित कैसे होता है?
ऐसे लोग जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त है और जिनकी वेरिकोनाज़ोल थेरेपी यानी जिनका किसी गंभीर फंगल इन्फेक्शन का इलाज चल रहा हो, जिनकी डायबिटीज कंट्रोल में नहीं हैं, स्टेरायड देने की वजह से इम्यूनिटी पर असर हुआ हो और जो लंबे संय से आईसीयू में रहे हैं, उन्हें ब्लैक फंगल इन्फेक्शन जल्दी हो सकता है।
ब्लैक फंगस से बचने के लिए क्या करें
- हाइपरग्लाइसीमिया यानी खून में शर्करा की मात्रा को कंट्रोल करें।
- कोरोना संक्रमण से रिकवर होने के बाद डायबिटीज़ में ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को मॉनिटर करते रहें
- स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल समझदारी से करें
- ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान ह्यूमिडीफायर्स में साफ, स्टराइल पानी का इस्तेमाल करें
- एंटीबायोटिक्स या एंटी फंगल दवाइयों का इस्तेमाल सोच समझकर करें
ये सावधानियां जरूर बरतें
- संक्रमण के लक्षणों को नजरअंदाज न करें
- बंद नाक के हर मामले में यह न समझें कि यह बैक्टीरियल साइनसाइटिस की वजह से है, खासकर ऐसे मरीजों में जिनकी मेडिकेशन के वजह से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हुई है
- फंगल इंफेक्शन का पता लगाने के लिए बड़े कदम उठाने से हिचकिचाएं नहीं
- ब्लैक फंगस हो तो इसका इलाज शुरू करने में विलंब न करें।