लखनऊ। अयोध्या में बाबर के नाम पर किसी भी मस्जिद या अस्पताल का निर्माण कराए जाने की अफवाहों के बीच उत्तर प्रदेश सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा गठित ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली पांच एकड़ जमीन पर अस्पताल, रिसर्च सेंटर और पुस्तकालय बनाया जाएगा। फाउंडेशन ने प्रेस नोट के माध्यम से साफ किया है कि अयोध्या में बाबर के नाम पर किसी भी मस्जिद या अस्पताल का निर्माण नहीं होगा।
गौरतलब है कि अयोध्या में बीत 5 अगस्त को भूमि पूजन समारोह के साथ ही मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या से 18 किलोमीटर दूर मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन चिन्हित करके हस्तांतरित कर दी गई।
प्रेस नोट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नामक एक ट्रस्ट का गठन किया है जिसका उद्देश्य माननीय सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धनीपुर में दी गई 5 एकड़ भूमि पर उपयोगी निर्माण कराना है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली इस जमीन पर एक मस्जिद, एक सांस्कृतिक और शोध केंद्र, एक अस्पताल और एक पुस्तकालय बनाया जाएगा। प्रेस नोट में यह भी कहा गया कि भिन्न-भिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक झूठी खबर फैलाई जा रही है कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एक बाबरी अस्पताल बनाने का फैसला किया है और खलील खान उसके डायरेक्टर होंगे।
जिला मुख्यालय से करीब 18 किमी दूरी है धन्नीपुर
अयोध्या जनपद के सोहावल तहसील में जनपद मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे थाना रौनाही के पीछे धन्नीपुर में मस्जिद के लिए दी जमीन दी गई है। मस्जिद के लिए चिन्हित जमीन कृषि विभाग की है। यह 5 एकड़ भूमि जिस इलाके में दी गई है, वहां पर प्रसिद्ध शहजाद शाह की दरगाह है।
लखनऊ में होगा कार्यालय
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन ने एक हिंदी अखबार को बताया कि ट्रस्ट का कार्यालय लखनऊ के हुसैनगंज इलाके में बर्लिंगटन चौराहा स्थित बर्लिंगटन स्क्वायर बिल्डिंग के चौथे तल पर होगा। इसके लिए 400 वर्गफुट का कार्यालय भवन किराये पर लिया गया है। यह ट्रस्ट कुल 15 सदस्यों का है लेकिन फिलहाल चेयरमैन को मिलाकर कुल 9 सदस्य ही मनोनीत हैं।