नागपुर, 30 जुलाई। 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को आज सुबह फांसी दे दी गई। गुरुवार सुबह 6 बजे कर 30 मिनट पर उसे नागपुर जेल में फांसी दी गई। याकूब की फांसी के वक्त 8 से 10 लोग मौजूद थे। फांसी के पहले याकूब ने आखिरी नमाज पढ़ी। फांसी की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई।
याकूब ने मौत से पहले कोई भी आखिरी ख्वाहिश नहीं जाहिर की। फांसी से पहले सुबह नहाने के बाद याकूब को नए कपड़े पहनाए गए। डॉक्टरों ने उसकी मौत की पुष्टि कर दी है। दोपहर 11 बजे याकूब के शव को उसके परिजनों को सौंपा जाएगा। परिजन उसके शव को लेकर मुंबई रवाना होंगे। जेल में भी शव का पोस्टमॉर्टम भी किया जाएगा।
तयशुदा कार्यक्रम के तहत नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी की प्रक्रिया करीब 5 बजे शुरू हुई। । इससे पहले बुधवार-गुरुवार की रात बचाव पक्ष की तमाम कोशिशों के बावजूद याकूब की फांसी टल नहीं पाई। उसकी फांसी को 14 दिन टालने की अर्जी पर सुनवाई के लिए आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। नागपुर, मुंबई समेत देश के तमाम बड़े शहरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जेल के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है। मुंबई में याकूब मेमन के घर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट कांड में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब अब्दुल रजाक मेमन को कल दी जाने वाली फांसी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। न्यायालय ने फांसी के फंदे से बचने की उसकी आखिरी गुहार को अस्वीकार कर दिया।
मुंबई में मार्च 1993 में हुए सीरियल बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। टाडा कोर्ट ने 27 जुलाई 2007 को याकूब को आपराधिक साजिश का दोषी करार देते हुए सजा-ए-मौत सुनाई थी। इसके बाद याकूब ने बॉम्बे हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति तक के पास अपील की, लेकिन उसे राहत नहीं मिली।