कोयंबटूर (तमिलनाडु)।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां कहा कि अनेकता हमारे लिए संघर्ष का कारक नहीं बल्कि हमारी संस्कृति की विशेषता है। ईशा योग फाउंडेशन में भगवान शिव की 112 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण के बाद उन्होंने कहा, ‘अनेकता हमारे लिए संघर्ष की बात नहीं है। हम इसे स्वीकार करते हैं और तहे दिल से गले लगाते हैं। यह हमारी संस्कृति की विशेषता है।’

भगवान शिव को एकता का प्रतीक बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देवी पार्वती और भगवान शिव एकसाथ हैं। उन्होंने कहा, ‘शिव के गले में सांप है। गणेश का वाहन मूषक है। संदेश ये है कि वे साथ रहते हैं।’ प्रधानमंत्री ने उसी एकता को दिखलाते हुए कहा कि कार्तिकेय का वाहन मोर और सांप एक साथ रहते हैं, जबकि दोनों एक-दूसरे के शत्रु होते हैं। मोदी ने भगवान शिव के परिवार में अनेकता के बावजूद ‘सद्भाव और एकता के जीवंत भाव’ पर बल दिया।

महाशिवरात्रि के अवसर पर मोदी ने कहा कि यह अंधकार और अन्याय पर काबू पाने के लक्ष्य के साथ देवत्य के मिलन का प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘भारत में अद्भुत विविधता है। इसकी विविधता को देखा, सुना, महसूस, छुआ और परखा जा सकता है। विविधता भारत की सबसे बड़ी ताकत है।’ 

योग के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि योग ऐसा उत्प्रेरक है जो आदमी को जीव से शिव की तरफ ले जाता है। उन्होंने कहा कि योग करते हुए एकता का भाव उत्पन्न होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘सत्य एक है, लेकिन हम इसे कुछ भी नाम दे सकते हैं।’

उन्होंने कहा कि हम करूणा, दया, भाईचारा और सद्भाव के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘इन्हीं विशेषताओं ने भारतीय संस्कृति की सदियों से जीवित रखा है। नये विचारों के लिए हमारा दिमाग हमेशा खुला होना चाहिए।’ महिला सशक्तीकरण के बारे में मोदी ने कहा कि जल्द ही मुद्दा महिलाओं के विकास का नहीं बल्कि महिलाओं की अगुवाई वाले विकास का रह जाएगा।

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