गाजियाबाद/नोएडा। किसान आंदोलन के नाम पर उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा को बंधक बनाए बैठे लोगों पर योगी आदित्यनाथ का “हंटर” चलना शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को हर जगह से किसानों का धरना खत्म करवाने को कहा है। गाजीपुर सीमा पर बिजली और पानी की सप्लाई काट दी गई है और तमाम किसानों ने खुद ही टेंट खाली करने शुरू कर दिए हैं। लेकिन, यहीं पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि धरना खत्म नहीं होगा।
गौरतलब है कि बागपत में नेशनल हाईवे से किसानों को बुधवार रात ही हटा दिया गया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के टेंट उखाड़ दिए थे। जब कुछ लोगों ने विरोध किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें हटाया। मथुरा में भी यमुना एक्सप्रेसवे के पास चल रहे आंदोलन को भी खत्म करवा दिया गया
दरअसल, दिल्ली में बीती 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हुई हिंसा के बाद से ही दिल्ली पुलिस के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस भी एक्शन में है। किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। हिंसा करने वालों पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ है। अब पुलिस का फोकस सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर है जहां पिछले दो महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर गुरुवार दोपहर बाद भारी संख्या में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस तैनात कर दी गई है। यहां बिजली-पानी की सप्लाई काट दी गई है।
पुलिस ने किसानों से कहा है कि वे आज ही सड़क खाली कर दें। सूत्रों के मुताबिक, आज गुरुवार को देर रात तक दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस आंदोलनकारियों को हटाने के लिए संयुक्त ऑपरेशन कर सकती है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कहा है कि वे हर जगह धरना खत्म कराएं। इनमें गाजीपुर बार्डर भी शामिल है।
गाजीपुर बॉर्डर पर धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर को दोनों तरफ से बंद कर दिया है। लोगों को गाजीपुर से न जाने की सलाह दी गई है। पिछले कुछ दिनों से लगातार विवादित बयान दे रहे भाकियू नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को भी गाजीपुर बॉर्डर पर विवादित बयान दिया। कहा, “धरना खत्म नहीं होगा और गिरफ्तारी भी नहीं होगी। अगर गोली चलनी होगी तो यहीं चलेगी।” रोते हुए बोले, “किसानों को मारने की साजिश हो रही।”
बहरहाल, योगी सरकार के तेवर देख किसानों ने घर लौटना शुरू कर दिया है। ट्रैक्टर रैली के दिन गाजीपुर बार्डर पर करीब 25 हजार किसान थे लेकिन यह खबर लिखे ने तक वहां बमुश्किल 5 हजार लोग ही थे। गाजीपुर बॉर्डर से किसान खुद ही अपने टेंट उखाड़ रहे हैं। यहां सड़कें अब सुनसान नजर आ रही हैं।
सिंघु बार्डर पर 80 हजार किसानों डेरा डाल थे। गुरुवार शाम तक यह संख्या घटकर 25 हजार के करीब ही रह गई है। सिंघु बार्डर से लोगों को पैदल भी दिल्ली की तरफ नहीं जाने दिया जा रहा है। यहां दिल्ली पुलिस ने हरियाणा को जोड़ने वाली सड़क जेसीबी से खोद दी है।
दिल्ली में लालकिले पर हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर कड़े हो गए है। सरकार ने सभी जगह से किसानों का धरना खत्म कराने और उन्हें बसों में बैठाकर उनके घर पहुंचाने के लिए कहा है।
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