लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा की प्रचंड जीत के खुमार से उबरते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार फिर से कामकाज में जुट गई है। इसी कड़ी में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए। कैबिनेट की पिछली बैठक चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले आठ मार्च को हुई थी।
बैठक के बाद प्रदेश सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लिये गए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन कोष के लिए कॉर्पस फण्ड के प्रकरण को अनुमोदित किया गया। उन्होंने बताया कि इसी साल जनवरी में यह विषय मंत्रिमंडल के समक्ष में आया था। तब यह निर्णय लिया गया था कि राज्य स्तर पर कोष की स्थापना की जाए। उसके संचालन के लिए कॉर्पस फण्ड के अनुमोदन के मामले को मंगलवार को आज की बैठक में रखा गया।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कोष के लिए धनराशि दान एवं चंदे के माध्यम से जुटाई जाएगी। साथ ही केन्द्र और राज्य सरकार की मदद, सरकारी संगठनों द्वारा दी जाने वाली राशि, किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति या औद्योगिक संगठन, गैर सरकारी संगठन, धर्मार्थ संस्था से प्राप्त धनराशि, मंडी परिषद से आने वाले मंडी शुल्क का दो प्रतिशत हिस्सा, आबकारी विभाग के वार्षिक राजस्व के 0.50 प्रतिशत हिस्सा और पथकर का भी 0.50 प्रतिशत हिस्सा लेकर भी फंड जुटाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन
सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कैबिनैट ने उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम—1973 में संशोधन के तहत विशेष रूप से अमेठी में मौजूद कॉलेजों को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से सम्बद्ध करने का निर्णय लिया है। अमेठी से कानपुर की दूरी करीब 250 किलोमीटर होने की वजह से छात्र-छात्राओं को दिक्कत होती थी। लिहाजा अब अमेठी के सभी कॉलेजों को अवध विश्वविद्यालय के साथ सम्बद्ध किया जाएगा जो कि मात्र 90 किलोमीटर दूर है।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के तहत राज्य सरकार अब रमाला सहकारी चीनी मिल का 100 प्रतिशत वित्तपोषण करेगी। पूर्व में इस मिल का संचालन 50 प्रतिशत राज्य सरकार के अनुदान और 50 प्रतिशत बाहर से कर्ज लेकर होता था। अब राज्य सरकार इसका 100 फीसद वित्तपोषण करेगी, क्योंकि रिजर्व बैंक के नियम—कायदे बदलने के कारण बाहर के बैंकों से कर्ज लेने में कठिनाई हो रही है।
अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा
कैबिनेट के एक अन्य निर्णय में गौतमबुद्ध नगर में जेवर के पास अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए हुए भूमि अधिग्रहण के एवज में विस्थापन एवं पुनर्वास (आर एण्ड आर) के लिए 894 करोड़ रुपये मंजूर किये गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि आमतौर पर ऐसा हवाई अड्डा बनाने में सात—आठ साल लग जाते हैं मगर इस परियोजना में पिछले दो साल के अंदर काफी प्रगति हुई है। इस परियोजना के लिए कुल 1426 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है जिसमें से 1200 हेक्टेयर से कुछ ज्यादा भूमि निजी है। इसे भूमि अधिग्रहण कानून के तहत लिया जा रहा है। इसके तहत दो तरह का मुआवजा दिया जा रहा है। एक भूमि की दर का और दूसरा आर एण्ड आर का। भूमि का मुआवजा दिया जा चुका है। यह धनराशि वितरित होने के तुरंत बाद जमीन नामांतरण की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही साथ आर एण्ड आर प्रतिपूर्ति भी की जा रही है। उसी के लिए आज 894 करोड़ रुपये की अनुमति मंत्रिमंडल से मिली है। इसके वितरण का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश गन्ना (आपूर्ति-विनियमन एवं क्रय) अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश गन्ना (आपूर्ति-विनियमन एवं क्रय) अधिनियम, 1953 की धारा 18 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें कैबिनेट ने “कमीशन” शब्द के स्थान पर “अंशदान” रखे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।