राजकोट । गुजरात के राजकोट में स्थित अल्फ्रेड हाईस्कूल जहां अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी पढ़े थे। इस स्कूल को मोहनदास गांधी हाईस्कूल के नाम से भी जाना जाता था। महात्मा गांधी 1887 में 18 साल की उम्र में इस स्कूल से उत्तीर्ण हुए थे ।इस स्कूल को 164 साल बाद अधिकारियों ने बंद कर दिया है इसे अब संग्रहालय में तब्दील करने का फैसला किया गया है। स्कूल की स्थापना 17 अक्तूबर 1853 में ब्रिटिश काल में हुई थी । उस समय यह सौराष्ट्र क्षेत्र का पहला अंग्रेजी माध्यम स्कूल था ।स्कूल की मौजूदा इमारत जूनागढ़ के नवाब ने 1875 में बनवाई थी और इसका नाम ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस अल्फ्रेड के नाम पर रखा गया था ।1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद इसका नाम मोहनदास गांधी स्कूल कर दिया गया ।
गुजराती माध्यम के इस सरकारी स्कूल को संग्रहालय में तब्दील करने का प्रस्ताव गुजरात सरकार ने पिछले साल मंजूर कर लिया था ।अधिकारियों ने बताया कि सभी 125 छात्रों को स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करना शुरू कर दिया गया है ।
जिला शिक्षा अधिकारी रेवा पटेल ने कहा, ‘हमने छात्रों को स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करना शुरू कर दिया है जो अब अगले शैक्षिक सत्र के लिए अपनी पसंद के किसी भी स्कूल में प्रवेश ले सकते हैं ।’ राजकोट नगर निगम ने पिछले साल स्कूल को बंद करने और इसे संग्रहालय में तब्दील करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था । राजकोट नगर निगम के आयुक्त बीएन पाणि ने कहा, ‘इस इमारत को 10 करोड़ रुपये की लागत से संग्रहालय में तब्दील करने के लिए हम एक सलाहकार की सेवा ले रहे हैं ।यह संग्रहालय गांधी जी, सरदार पटेल और अन्य कई जानी मानी हस्तियों का जीवन परिचय प्रदर्शित करेगा ।’
यद्यपि इस स्कूल से गांधी जी का नाम जुड़ा था, लेकिन इसका शिक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब था । कुछ साल पहले इसके 60 एसएससी छात्रों में से कोई भी छात्र दसवीं की बोर्ड परीक्षा में पास नहीं हो पाया था ।