कोलकाता/गुवाहाटी, 4 अप्रैल। विधानसभा चुनावों के पहले चरण में पश्चिम बंगाल और असम में मतदाताओं ने भारी उत्साह दिखाया है। शाम तक दोनों राज्यों में क्रमश: 70 और 67 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इन राज्यों की कई सीटों पर माओवादियों का प्रभाव होने की वजह से भारी सुरक्षा में मतदान कराया जा रहा है। शाम तक कहीं से हिंसा या अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं आई है।
पश्चिम बंगाल में भारी मतदान दर्ज किया गया। राज्य की 294 विधानसभा सीटों में से 18 में 40.09 लाख मतदाताओं में से करीब 70 फीसदी ने मतदान किया। इनमें से अधिकतर क्षेत्रों में पहले माओवादियों का काफी प्रभाव था। राज्य में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए सरकार बनाने की दिशा में मेहनत कर रही है। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिब्येंदु सरकार ने बताया कि कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम में कुछ खामियां आईं जिन्हें तत्काल सही कर लिया गया और मतदान सुगम तरीके से चल रहा है। हमें कुछ अन्य शिकायतें भी मिली हैं और उन पर ध्यान दिया गया है।
राज्य की 18 सीटों में 13 जंगलमहल इलाके में हैं जहां पहले माओवादी हिंसा देखी जाती रही है। इनमें मतदान सुरक्षा कारणों से शाम चार बजे समाप्त हो चुका है। शेष पांच क्षेत्रों पुरलिया, मनबाजार, काशीपुर, पारा और रघुनाथपुर में मतदान शाम छह बजे तक चला। इस चरण में प्रमुख उम्मीदवारों में आदिवासी मामलों के मंत्री सुकुमार हंसदा हैं जो झारग्राम से किस्मत आजमा रहे हैं। तृणमूल, वाम-कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी ने सभी 18 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये हैं।
पांच साल पहले पश्चिम बंगाल की सत्ता में आने के बाद से राज्य की राजनीति पर प्रभुत्व जमाने वाली ममता बनर्जी को सीपीएम नीत वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी से चुनौती मिल रही है। बीजेपी भी इस पूर्वी राज्य में अपना आधार बनाने के लिए प्रयासरत है।
असम में शाम साढ़े तीन बजे तक 95.11 लाख मतदाताओं में से 67 फीसदी ने मतदान किया। राज्य में तरण गोगोई के नेतृत्व में कांग्रेस चैथी बार सत्ता में आने के लिए जद्दोजहद कर रही है। पहले चरण में 126 में से जिन 65 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से किसी में हिंसा की कोई खबर नहीं है। ये 65 सीटें ऊपरी असम, पर्वतीय जिलों, उत्तरी किनारों और बराक घाटी में हैं।
पहले चरण में कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की तीताबोर से और निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष प्रणब गोगोई की शिवसागर से प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल माजुली सीट से किस्मत आजमा रहे हैं, वह जोरहाट से पार्टी के लोकसभा सदस्य कामाख्या प्रसाद तासा तीताबोर में मुख्यमंत्री गोगोई को टक्कर दे रहे हैं। बीजेपी ने कांग्रेस के रथ को रोकने और राज्य में सरकार बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल महंत की असम गण परिषद (एजीपी) और बोडो पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) से हाथ मिलाया है। असम में बांग्लादेशियों का अवैध प्रवास बड़ा चुनावी और सामाजिक मुद्दा है।
धुबरी से एआईडीयूएफ के सांसद बदरद्दीन अजमल ने 65 विधानसभा क्षेत्रों में से 27 में अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस पहले चरण में सभी 65 सीटों पर किस्मत आजमा रही है। बीजेपी ने 54 पर और इसकी सहयोगियों एजीपी ने 11 और बीपीएफ ने तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। सीपीआई और सीपीएम ने 10-10 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये हैं और सीपीआई (एमएल-ले) ने छह पर उम्मीदवार उतारे हैं।