बरेली। लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद हो चुका है। नामांकन के बाद मतदान शुरू हो चुका है। अंतिम चरण के मतदान के बाद लोकतंत्र की स्वर्णिम घड़ी 4 जून 2024 को सभी के लिए जनमत का परिणाम लेकर आयेगी। वैसे तो इस चुनावी समर में कई राजनीतिक दल शामिल हैं किंतु मुख्य मुकाबला इंडी गठबंधन और भाजपा गठबंधन के मध्य है। चर्चा का विषय है कि क्या नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे या फिर राहुल गांधी का सपना पूरा हो सकेगा?
सभी को इस प्रश्न के उत्तर की ही प्रतीक्षा है। ज्योतिष शास्त्र का इस संबंध में क्या आकलन है? सितारों की बिसात पर, पीएम का ताज किसके सर सजेगा? इस संजीदा सवाल का जवाब दे रहे हैं रामपुर जनपद के जाने-माने विख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शंखधर ’माणिक’।
पंडित राजीव शंखधर ’माणिक’ का कहना है कि एक अरसे से राजनीति में विपक्ष भूमिका निभा रहे हैं राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली में हुआ था। उनके जन्म समय में गुरु लग्न में विराजमान थे और सप्तम भाव में स्थित शनि की लग्न पर पूर्ण दृष्टि है जिससे बना द्वंद योग उनसे कड़ी मेहनत करा रहा है। लग्नेश शुक्र दशम भाव में स्थित है जिसके परिणाम स्वरूप देश का बच्चा-बच्चा उनको जानता है, व्यापक ख्याति मिली हैं। किंतु पाप ग्रहों से घिरे होने के कारण उनके निजी जीवन में अनेक बाधाएं रही हैं।
दशम भाव का स्वामी चंद्रमा तीसरे भाव में केमद्रुम योग बन रहा है जिससे दूरदर्शिता का अभाव हैं, अष्टम भाव में बुध होने के कारण लोगों पर वाणी का प्रभाव नहीं होता। सप्तम भाव में स्थित शनि जन समर्थन जुटाने में बाधक बन रहे हैं वही राहु की महादशा में गुरु की अंतर्दशा चांडाल योग बना रही है जो चुनावी परिणाम के लिए अच्छा संकेत नहीं है। मंगल एवं राहु छठे भाव में अंगारक योग बना रहे हैं। वर्तमान गोचर कुंडली के अनुसार चुनाव में गुरु का विशेष प्रभाव है जो 12वे स्थान में स्थित है तथा शनि दशम भाव में हैं जिसके परिणाम स्वरूप लोगो जुडाव उनसे नहीं हो पायेगा तथा विरोधी प्रभावी रहेंगे। परिश्रम के बावजूद परिणाम आशा जनक नहीं मिलेंगे जिसके कारण राहुल गांधी इस बार देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पहुंचने से वंचित रहेंगे।
वहीं दूसरी ओर भाजपा गठबंधन की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली के अनुसार उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। उनकी लग्न राशि वृश्चिक है जो एक अच्छा सयोग हैं। लग्न में चंद्रमा नीच का है किंतु लग्नेश मंगल के साथ नीचभंग राजयोग बना रहा हैं। बुद्ध उच्च का होने से भद्रयोग है एवं बुध आदित्य योग उन्हें उच्च पदासीन कर रहा है। दशम भाव का स्वामी सूर्य एकादश भाव में बैठकर महायोग बना रहा है। वर्तमान में इनकी मंगल की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही है। ये कुछ परेशानियां पैदा कर सकती है किंतु दशानाथ मंगल लग्न में स्वक्षेत्री होकर बैठने के कारण पंच महापुरुष योगों में से रुचक योग (शत्रुहंता) बना रहा है। शुक्र व शनि दशम भाव में बैठकर चतुर्थ भाव को देख रहा है जिस कारण शत्रु उनका सामना नहीं कर सकेंगे। इच्छाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति से अपने घर (संसद) में उनका सम्मान बढ़ेगा ।गोचर में राहू के प्रभाव से इस समय जो भी कार्य करेंगे लक्ष्य से भ्रमित नहीं होंगे। वर्तमान में दो शुभ ग्रहों के प्रभाव से जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त होने के संकेत हैं जिससे नरेंद्र मोदी जी पुनः तीसरी बार देश की प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आसीन होते दीख रहे हैं।
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