श्री दुर्गा माँ के 108 नाम (अर्थ सहित):मां के पूजन के दौरान उनके 108 नामों के जप की भी विशेष महिमा बताई गई है नवरात्रि में मां दुर्गा का विशेष पूजन किया जाता है। इस दौरान विधि-विधान से मां की पूजा-अर्चना से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
श्री दुर्गा माँ के 108 नाम (अर्थ सहित)
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
1.) सती- अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली
2.) साध्वी- आशावादी
3.) भवप्रीता- भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली
4.) भवानी- ब्रह्मांड की निवास
5.) भवमोचनी- संसार बंधनों से मुक्त करने वाली
6.) आर्या- देवी
7.) दुर्गा- अपराजेय
8.) जया- विजयी
9.) आद्य- शुरूआत की वास्तविकता
10.) त्रिनेत्र- तीन आँखों वाली
11.) शूलधारिणी- शूल धारण करने वाली
12.) पिनाकधारिणी- शिव का त्रिशूल धारण करने वाली
13.) चित्रा- सुरम्य, सुंदर
14.) चण्डघण्टा- प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली
15.) महातपा- भारी तपस्या करने वाली
16.) मन – मनन-शक्ति
17.) बुद्धि- सर्वज्ञाता
18.) अहंकारा- अभिमान करने वाली
19.) चित्तरूपा- वह जो सोच की अवस्था में है
20.) चिता- मृत्युशय्या
21.) चिति- चेतना
22.) सर्वमन्त्रमयी- सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली
23.) सत्ता- सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है
24.) सत्यानन्दस्वरूपिणी- अनन्त आनंद का रूप
25.) अनन्ता- जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं
26.) भाविनी- सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत
27.) भाव्या- भावना एवं ध्यान करने योग्य
28.) भव्या- कल्याणरूपा, भव्यता के साथ
29.) अभव्या – जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं
30.) सदागति- हमेशा गति में, मोक्ष दान
31.) शाम्भवी- शिवप्रिया, शंभू की पत्नी
32.) देवमाता- देवगण की माता
33.) चिन्ता- चिन्ता
34.) रत्नप्रिया- गहने से प्यार
35.) सर्वविद्या- ज्ञान का निवास
36.) दक्षकन्या- दक्ष की बेटी
37.) दक्षयज्ञविनाशिनी- दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली
38.) अपर्णा- तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली
39.) अनेकवर्णा- अनेक रंगों वाली
40.) पाटला- लाल रंग वाली
41.) पाटलावती- गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली
42.) पट्टाम्बरपरीधाना- रेशमी वस्त्र पहनने वाली
43.) कलामंजीरारंजिनी- पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली
44.) अमेय- जिसकी कोई सीमा नहीं
45.) विक्रमा- असीम पराक्रमी
46.) क्रूरा- दैत्यों के प्रति कठोर
47.) सुन्दरी- सुंदर रूप वाली
48.) सुरसुन्दरी- अत्यंत सुंदर
49.) वनदुर्गा- जंगलों की देवी
50.) मातंगी- मतंगा की देवी
51.) मातंगमुनिपूजिता- बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय
52.) ब्राह्मी- भगवान ब्रह्मा की शक्ति
53.) माहेश्वरी- प्रभु शिव की शक्ति
54.) इंद्री- इन्द्र की शक्ति
55.) कौमारी- किशोरी
56.) वैष्णवी- अजेय
57.) चामुण्डा- चंड और मुंड का नाश करने वाली
58.) वाराही- वराह पर सवार होने वाली
59.) लक्ष्मी- सौभाग्य की देवी
60.) पुरुषाकृति- वह जो पुरुष धारण कर ले
61.) विमिलौत्त्कार्शिनी- आनन्द प्रदान करने वाली
62.) ज्ञाना- ज्ञान से भरी हुई
63.) क्रिया- हर कार्य में होने वाली
64.) नित्या- अनन्त
65.) बुद्धिदा- ज्ञान देने वाली
66.) बहुला- विभिन्न रूपों वाली
67.) बहुलप्रेमा- सर्व प्रिय
68.) सर्ववाहनवाहना- सभी वाहन पर विराजमान होने वाली
69.) निशुम्भशुम्भहननी- शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली
70.) महिषासुरमर्दिनि- महिषासुर का वध करने वाली
71.) मधुकैटभहंत्री- मधु व कैटभ का नाश करने वाली
72.) चण्डमुण्ड विनाशिनि- चंड और मुंड का नाश करने वाली
73.) सर्वासुरविनाशा- सभी राक्षसों का नाश करने वाली
74.) सर्वदानवघातिनी- संहार के लिए शक्ति रखने वाली
75.) सर्वशास्त्रमयी- सभी सिद्धांतों में निपुण
76.) सत्या- सच्चाई
77.) सर्वास्त्रधारिणी- सभी हथियारों धारण करने वाली
78.) अनेकशस्त्रहस्ता- हाथों में कई हथियार धारण करने वाली
79.) अनेकास्त्रधारिणी- अनेक हथियारों को धारण करने वाली
80.) कुमारी- सुंदर किशोरी
81.) एककन्या- कन्या
82.) कैशोरी- जवान लड़की
83.) युवती- नारी
84.) यति- तपस्वी
85.) अप्रौढा- जो कभी पुराना ना हो
86.) प्रौढा- जो पुराना है
87.) वृद्धमाता- शिथिल
88.) बलप्रदा- शक्ति देने वाली
89.) महोदरी- ब्रह्मांड को संभालने वाली
90.) मुक्तकेशी- खुले बाल वाली
91.) घोररूपा- एक भयंकर दृष्टिकोण वाली
92.) महाबला- अपार शक्ति वाली
93.) अग्निज्वाला- मार्मिक आग की तरह
94.) रौद्रमुखी- विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा
95.) कालरात्रि- काले रंग वाली
96.) तपस्विनी- तपस्या में लगे हुए
97.) नारायणी- भगवान नारायण की विनाशकारी रूप
98.) भद्रकाली- काली का भयंकर रूप
99.) विष्णुमाया- भगवान विष्णु का जादू
100.) जलोदरी- ब्रह्मांड में निवास करने वाली
101.) शिवदूती- भगवान शिव की राजदूत
102.) करली – हिंसक
103.) अनन्ता- विनाश रहित
104.) परमेश्वरी- प्रथम देवी
105.) कात्यायनी- ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय
106.) सावित्री- सूर्य की बेटी
107.) प्रत्यक्षा- वास्तविक
108.) ब्रह्मवादिनी- वर्तमान में हर जगह वास करने वाली।