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स्नेह पर्व भाई-दूज 27 अक्टूबर को, भाई क़ी दीर्घायु एवं सौभाग्य के लिए इस समय करें तिलक

BareillyLive. एस्ट्रोडेस्क। भाई-दूज के सम्बन्ध में हेमाद्री आदि के मत के अनुसार यमद्वितिया अपराह्न व्यपिनी कार्तिक शुक्ल द्वितिया को मनाई जानी चाहिए। इस वर्ष कार्तिक शुक्ल द्वितीया दिनांक 26 अक्टूबर 2022 को अपराह्न 2ः43 बज़े से 27 अक्टूबर 2022 को माध्यन्ह 12ः46 बज़े तक रहेगी। वर्तमान में उदय व्यापिनी कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन भाई-दूज मनाने का चलन है।

ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा के अनुसार इस बार इस दिन बेहद शुभ आयुष्मान योग प्रातः 7ः26 बजे तदोपरान्त सौभाग्य योग पूरे दिन रात रहेगा। इस दिन मध्यन्ह 12ः11 बज़े से सर्वार्थसिद्धि योग भी विद्यमान रहेगा। अतः 27 अक्टूबर 2022, गुरुवार को भाई-दूज मनाई जायेगी। गुरुवार 27 अक्टूबर 2022 को राहू-काल 1ः45 बजे से 3ः00 बजे तक रहेगा। इस समय मे भाई-दूज नहीं मनाना चाहिए।’

भाई-दूज 2022 तिलक मुहूर्तः-

1.प्रातः कालः- 6ः29 बजे से 7ः52 बजे तक,शुभ के चौघड़िया में।
2.मध्याह्न कालः- 10ः39 बजे से 1ः45 बजे तक, चर, लाभ,अमृत के चौघड़िया में।
3.सांय कालः-4ः17 बजे से सांय काल 5ः42 बजे तक,शुभ के चौघड़िया मुहुर्त में।

भाई-दूज को लेकर मान्यताएं

दीपावली महापर्व का पांचवां अंतिम पर्व भाई-दूज है। जिसे भाई बहन के स्नेह पर्व के रूप में शास्त्रों में भी प्रतिष्ठा मिली हुई है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा भी की जाती है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर विश्वकर्मा की पूजा का प्रचलन है। इस दिन प्रातः काल चंद्र-दर्शन करना चाहिए। चंद्र दर्शन सूर्योदय से ठीक पूर्व होगा। इस दिन यमों के दस नामों का स्मरण करना चाहिए। भाई-दूज अपराह्न या सांय काल मे शुभ-अमृत के चौघड़िया में करना चाहिए। राहु-काल मे भाई दूज तिलक नहीं करना चाहिए।

भविष्यपुराण और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन यम की बहन ने अपने भाई यम को अपने घर भोजन का निमंत्रण दिया। यम ने घर जाकर यमी के द्वारा बनाया हुआ भोजन खाकर प्रसन्न होकर यम ने वर दिया जो बहन इस दिन अपने भाई को भोजन कराएगी एवं टीका करेगी उनकी रक्षा होगी। भाई-दूज मनाने से भाई-बहन में आत्मीय स्नेह बना रहता है।

खिलायें पान और दक्षिण में जलायें दीपक

माना जाता है कि जो बहिन अपने भाई को इस दिन पान खिलाती है, उनका सौभाग्य अखंडित रहता है। भाई को भी यमलोक का भय नहीं रहता। आज के दिन अपने घर के दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाने से भाई-बहिनों के रिश्तों में प्रेम व सौहार्दपूर्ण वातावरण बनता है। साथ ही उनकी आय में भी वृद्धि होती है। यह दिन भाई-बहिनो के लिए विशेष होता है।

ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा
बालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली।

Vishal Gupta 'Ajmera'

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