फूड डेस्क : गोवा भारत का एक छोटा-सा समुद्र तटीय केंद्रशासित प्रदेश है। जाहिर है कि यहां का खानपान मुख्यतः समुद्री उत्पादों पर आधारित है। इसके साथ ही यहां समय-समय पर अलग-अलग धर्म-संप्रदाय के लोगों का शासन रहा जिसका प्रभाव भी स्थानीय भोजन पर बहुत गहरा है। यहां तीसरी शताब्दी से सन 1312 तक शिल्लाहारा, कदंब और चालुक्य जैसे हिंदू राजवंशों का शासन रहा। इसके बाद मुसलमानों का राज रहा। 15वीं सदी के उत्तरार्ध में पुर्तगाली समुद्री यात्री और व्यवसायी वास्को डि गामा यहां पहुंचा और धीरे-धीरे पुर्तगाली यहां आकर बसने लगे। यहां आने वाले पुर्तगाली कैथोलिक ईसाई थे। इस तरह यहां के खानपान पर हिंदुओं, मुसलमानों और ईसाइयों यानी तीनों की भोजन परंपरा की छाप देखी जा सकती है।
पुर्तगाली अपने साथ आलू, टमाटर, अनानास और काजू लाये और कालांतर में इनकी खेती यहीं होने लगी। धीरे-धीरे ये सभी चीजें गोवानी व्यंजनों में इस्तेमाल होने लगीं। इसके बावजूद गोवा का भोजन मुख्यतः समुद्री उत्पादों पर आधारित है जिसमें चावल और करी के साथ मसाले शामिल होते हैं। मछलियों में आमतौर पर पोम्फर्ट, शार्क, ट्यूना और मैकेरल का तरह-तरह के व्यंजन बनाने में इस्तेमाल होता है। केकड़ा, शंख और झींगा मछली भी लोकप्रिय समुद्री उत्पाद हैं। कैथोलिक ईसाइयों के आने के साथ ही सूअर का मांस और बीफ भी यहां की भोजन परंपरा में शामिल हो गए। हालांकि इसके बावजूद यहां आज भी तरह-तरह का शाकाहारी व्यंजन तैयार किए जाते हैं।
पोर्क विंडालू हालांकि पुर्तगाली व्यंजन है लेकिन गोवा में इसे भारतीय अंदाज में बनाया जाता है। इसे सूअर के गोश्त, शराब और अदरक के साथ तैयार किया जाता है। साथ ही इसमें भारतीय मसाले, लाल मिर्च आदि मिलाये जाते हैं। यहां आने वाले विदेशी पर्यटक इसे बहुत पसंद करते हैं। इस व्यंजन को तैयार करने के लिए अब सूअर के मांस की जगह भेड़ के मांस और चिकन का इस्तेमाल भी होने लगा है।
इसे केकड़े के मांस से बनाया जाता है। इस व्यंजन का सूप थोडा गाढ़ा होता है जिसको बनाने में नारियल और कई तरह के तीखे मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। मसालेदार भोजन के शौकीन इसे बहुत पसंद करते हैं। इसे चावल और चपाती के साथ खाया जाता है।
गोवा के लोग झींगे से तरह-तरह की डिश बनाते हैं जिनमें प्रॉन बावचाओ बहुत लोकप्रिय है। इसको स्वादिष्ट बनाने के लिए तरह-तरह के मसाले, भुने हुए प्याज, नारियल के सिरके, मिर्च और टमाटर का इस्तेमाल किया जाता है।
सुअर का मांस (पोर्क) गोवा में खूब खाया जाता है। कोरिस पाऊ इसी से तैयार किया जाता है। हालांकि इसे मुख्यतः स्ट्रीट फूड माना जाता है लेकिन इसकी लोकप्रियता को देखते हुए अब कई बड़े रेस्तरां भी इसे तैयार करने लगे हैं। यह एक खालिस पुर्तगाली ब्रेड है जिसको मिर्च के पोर्क सॉसेज के साथ बनाया जाता है।
यह सूअर का मसालेदार मांस है। इसे तैयार करने के लिए सुअर के मांस को तरह-तरह के स्थानीय मसालों का लेपन कर पहले धूप में सुखाया जाता है, इसके बाद आग के ऊपर लटकाया जाता है जहां यह धीरे-धीरे पकता है।
कहा जाता है कि अगर गोवा की यात्रा कर रहे हैं और मांसाहारी भोजन करते हैं तो किंगफ़िशर का जायका लिये बगैर यह यात्रा अधूरी है। गोवा के लोग किंगफ़िशर को विस्वान भी कहते हैं। विस्वान को आग पर सेंक कर पकाया जाता है। सेंकने से पहले इस पर कई तरह के मसालों के साथ सूजी लगाई जाती है। यह बाहर से थोड़ा कुरकुरा और अंदर से मुलायम-रसीला होता है।
यह एक जल्दी तैयार हो जाने वाल मांसाहारी वयंजन है जिसे मुर्गे के मांस या मछली में मसाला सिरका, धनिया, हरी मिर्च व अन्य मसालों को मिलाकर बनाया जाता है।
यह एक शाकाहारी व्यंजन है। बहुत से लोग इसे इडली भी कहते हैं पर साना उससे कुछ अलग है। दरअसल, इसे चावल और उड़द के मिश्रण के बजाय केवल स्टीम किए गए चावल से तैयार किया जाता है। इसे नमकीन और मीठा दोनों तरह से बनाया जाता है। मीठी साना में गुड़ या शक्कर का इस्तेमाल किया जाता है।
चावल के तरह-तरह के व्यंजनों के शौकीन लोगों को इस खास गोवानी व्यंजन का स्वाद जरूर लेना चाहिए। इसको उकड़ा राइस भी कहते हैं। इसको बिना पॉलिश किये गए चावल और नारियल करी से तैयार किया जाता है।
गोवा में लंबे समय तक पुर्तगाली शासन रहा है। इसके चलते यहां के भोजन में पुर्तगाल का गहरा प्रभाव है। यहां तरह-तरह की पुर्तगाली ब्रेड और उनसे बने पकवान उपलब्ध हैं। इनमें से सबसे लोकप्रिय ब्रेड है- पोई। पोई दिखने में पाव कि तरह होती है लेकिन इसमें खमीर पैदा करने के लिए स्थानीय ताड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। बंद, ब्रेड आदि खाने के शौकीन लोगों को पोई का स्वाद जरूर लेना चाहिए।
यह एक तरह का केक है लेकिन केक खाने के शौकीन पर्यटकों के लिए इसका स्वाद लेना प्रायः एक नया अनुभव साबित होता है। इसको नारियल की कई परतों के साथ बनाया जाता है। इस केक को बनाने में काफी समय लगता है। इसे बनाने में मुख्य रूप से चावल के आटे, नारियल की गरी, नारियल के दूध, नारियल के गुड़, सूजी और अंडे का इस्तेमाल किया जाता है।
फेनी गोवा की सबसे प्रसिद्ध वाइन है जिसका जादू विदेशी पर्यटकों के सिर चढ़कर बोलता है। फेनी को काजू के साथ तैयार किया जाता है। इसके अलावा दक्षिण गोवा में नारियल की फेनी भी बनाई जाती है जिसे नारियल के पेड़ से निकलने वाली ताड़ी से तैयार किया जाता है। अगर आप तरह-तरह की शराब पीने के शौकीन हैं और गोवा की यात्रा पर जा रहे हों तो फेनी का मजा अवश्य लें और वहां से लाकर अपने मित्रों को भी पिलायें।
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