सिडनी/नई दिल्ली। पोल्ट्री फार्म उद्योग से जुड़े भारत के एक संगठन की टैग लाइन है- संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे। लेकिन, क्या यह कहना पूरी तरह सही है? एक नए शोध में पता चला है कि सेहत के चक्कर में रोजाना यानी बिना नागा अंडे खाना न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि लेने के देने भी पड़ सकते हैं।
साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डॉक्टर मिंग ली (Dr Ming Li) का कहना है कि प्रतिदिन एक अंडा खाने से टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) का खतरा लगभग 60 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने 8,545 चीनी युवाओं पर किए शोध में पाया कि अंडे और शरीर में हाई ब्लड शुगर लेवल के बीच एक संबंध होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, रोजाना एक अंडे का सेवन करने वालों में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ज्यादा मात्रा में उसके सेवन से बचा जाना चाहिए।
दुनिया के कई देशों की तरह ब्रिटेन में भी अंडे को हेल्दी फास्ट फूड के रूप में देखा जाता है। तमाम विज्ञापनों में रोजाना अंडा खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन इस शोध ने अंडे को लेकर किए जाने वाले दावों को पूरी तरह पलटकर रख दिया है।
ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि आप रोज अंडा खाते हैं फिर भले ही किसी भी रूप में, तो आपके ऐसी स्थिति में पहुंचने का खतरा उत्पन्न हो जाता है, जो किसी व्यक्ति में अक्सर बहुत ज्यादा शुगर लेवल होने पर होता है। डॉक्टर मिंग ली ने कहा, “इस शोध में हमने अंडे और शरीर में हाई ब्लड शुगर लेवल के बीच संबंध का पता लगाया है। वैसे डायबिटीज और अंडों के बीच संबंध को लेकर अमूमन बहस होती रहती है लेकिन इस शोध का उद्देश्य लंबे समय तक अंडे खाने वाले व्यक्ति में डायबिटीज के खतरे का आकलन करना था।”
ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने इस शोध के लिए ऐसे चीनियों को चुना, जो परंपरागत भोजन छोड़कर अंडे, मांस और स्नैक्स का सेवन कर रहे हैं। दरअसल, 1991 से लेकर 2009 के बीच चीन में लोगों के अंडे खाने की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई थी। गौरतलब है कि पिछले साल दुनियाभर में केवल डायबिटीज के इलाज पर 760 अरब डॉलर खर्च हुए थे, जो कुल स्वास्थ्य खर्च का 10 प्रतिशत है। अकेले चीन में यह खर्च 109 अरब डॉलर से अधिक था।