Health

कोरोना से बचाव में सुरक्षा कवच है योग

ज पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। मौत हमारे चारों ओर मंडरा रही है। वह कहां है और कब अपने शिकंजे में ले ले, इसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता। इसलिए हर आदमी आशंकित है, तनाव में है। तनाव हमारे शरीर के लिए अत्यंत घातक है। यह शरीर में कई प्रकार के घातक रोगों को जन्म देता और रोग प्रतिरोधक शक्ति को कम करता है। इस समय कोरोना संक्रमण की वजह से देश में प्रतिदिन लगभग चार हजार लोग असमय मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। इनमें से लगभग 40 प्रतिशत मौत भय और तनाव के कारण हो रही हैं।

योग तनाव से मुक्ति पाने का सबसे सरल एवं सशक्त उपाय है। यह हमारी जीवन शैली को बदल देता है और सोच को परिपक्व बनाता है। सबसे बड़ी बात यह कि योग हमारे अंदर सकारात्मकता का भाव उत्पन्न करता है जिससे तनाव हमारे पास भी नहीं फटकता है। इस प्रकार योग कोरोना से बचाव में सुरक्षा कवच का काम करता है।

योग के साथ-साथ अपने जीवन में सात्विक आहार और सात्विक जीवन शैली अपनाकर अपने को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं। किसी भी आपदा में आपकी मानसिक स्थिति बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए कहा जाता है, “मन के जीते जीत है, मन के हारे हार।” प्रतिदिन योग करने से मानसिक मजबूती मिलती है जिससे हम किसी भी तरह की विकट परिस्थिति का सामना सहजता से कर सकते हैं। योग सकारात्मक जीवन शैली है जो हमारे जीवन को संयमित बनाती है और पूर्णता प्रदान करती है।

प्रतिदिन योग करने से मन में सकारात्मक विचार आते हैं जो हमें सकारात्मक ऊर्जा देते हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को मजबूत बनाती है। यदि आपका मन तनाव मुक्त है और आपके शरीर की इम्युनिटी अच्छी है तो कोरोना का वायरस पास फटक तक नहीं सकता।

इस समय पूरे देश में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। प्रतिदिन सैकड़ों कोरोना मरीज ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे हैं जो चिंताजनक है। शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखने में योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह प्राकृतिक साधन है और पूरी तरह से निःशुल्क है। प्रतिदिन आधा घंटा योग और आसन करके हम अपने शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को नियंत्रित रख सकते हैं। प्राणायाम, अनुलोम, विलोम, भ्रामरी और कुछ अन्य आसन ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखने में काफी कारगर हैं।

योग और प्राणायाम करने का सबसे उचित समय सूर्योदय से पूर्व का है। प्रातःकाल वातारण में प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन होती है। इसलिए यदि प्रतिदिन प्रातःकाल आधा घंटा योग और प्राणायाम कर लिया जाए तो ऑक्सीजन के साथ-साथ पर्याप्त ऊर्जा भी मिलेगी जो हमारे शरीर को निरोग और मन को प्रसन्न बनाए रखेगी। तनाव और स्पेश हमारे मन और शरीर से कोसों दूर रहेगा।

कहते हैं कि सुख की सबसे करिश्माई कुंजी सेहत में छिपी है, और सेहत में छिपा है आनंद का भाव। योग इसी भाव को जगाकर मनुष्य के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास का मार्ग खोलता है। हम प्रतिदिन योग करें, अपने को व्यस्त रखें और मन को प्रसन्न रखें। कोरोना के खिलाफ जंग में जीत का यही मूलमंत्र है।

सुरेश बाबू मिश्रा

(सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य)

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