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Mokshada Ekadashi 2020:मोक्षदायिनी एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मोक्षदा एकादशी को पितरों को मोक्ष दिलाने वाली एकादशी के रूप में जानते हैं। मान्यता है कि व्रती के साथ पितरों के लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। इस साल मोक्षदा एकादशी 25 दिसंबर (शुक्रवार) को है। यह इस साल की आखिरी एकादशी होगी।
पुराणों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को भी मोक्षदायिनी एकादशी का महत्व समझाया था। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि यह एकादशी बहुत ही पुण्य फलों वाली होती है। कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से अराधना करने वालों को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। ऐसे में इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है।

मोक्षदा एकादशी व्रत मुहूर्त-

एकादशी तिथि प्रारंभ- 24 दिसंबर की रात 11 बजकर 17 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 25 दिसंबर को देर रात 1 बजकर 54 मिनट तक

मोक्षदा एकादशी पूजा विधि-
सबस पहले स्नानादि से निवृत्त होकर मंदिर की सफाई करें।इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कें।
अब भगवान को गंगागल से स्नान कराएं।भगवान को रोली, चंदन, अक्षत आदि अर्पित करें।
फूलों से श्रृंगार करने के बाद भगवान को भोग लगाएं।
मोक्षदा एकादशी के दिन सबसे पहले भगवान गणेश की आरती करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती उतारें।जय श्री राधे राधे कृष्णा ।।

By vandna

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