लाइफस्टाइल डेस्क : जब से सृष्टि अपने अस्तित्व में आई है तभी से वृक्षों एवं विभिन्न पौधों का इस सृष्टि के संचालन में बहुत ही योगदान रहा है। मनुष्य को जीवित रखने में और उसे अनेक प्रकार की समस्याओं से बचाने में वृक्षों का प्रत्यक्ष-परोक्ष किसी न किसी रूप में योगदान अवश्य रहा है। वास्तु दोषों को दूर करने में भी वृक्षों की अहम भूमिका देखी जा सकती है। ’पर्यावरण को सुरक्षित’ रखने में वृक्षों की देखभाल करके एवं रोपने से अत्यंत लाभ प्राप्त किया जा सकता है। बालाजी ज्योतिष अनुसंधान संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. राजीव शर्मा के अनुसार इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2022 को यदि आप अपनी राशि के अनुसार वृक्षों के पौधे रोपेंगे तो आने वाला समय समाज, पर्यावरण के साथ ही आपके लिए अत्यन्त शुभ रहेगा।
1. मेष राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’लाल चंदन एवं गूलर’ हैं।
2. वृष राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’सप्तपणी एवं जाम’ हैं।
3. मिथुन राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’कटहल एवं हरा सेमल’ हैं।
4. कर्क राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’पलास एवं यूकेलिप्टस’ हैं।
5. सिंह राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’पाटल एवं शमी’ हैं।
6. कन्या राशि के वृक्ष’ ’आम्र एव रामफल’ हैं।
7. तुला राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’मोरसलि एवं पारस पीपल’ हैं।
8. वृश्चिक राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’कत्था एवं नीम’ हैं।
9. धनु राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’पीपल एवं पाकड़’ हैं।
10. मकर राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’शीशम एवं सिरस’ हैं।
11. कुम्भ राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’सीता अशोक एवं अमलतास’ हैं।
12.मीन राशि के वृक्ष’ मुख्यतः ’बरगद एवं मदार’ हैं।
कुल 10 दिशाएं होतीं हैं किंतु उनमें से आठ को किसी भी धरातल पर स्पष्ट किया जा सकता है। ये दिशाएंः-
1. उत्तर 2.दक्षिण 3.पूर्व 4.पश्चिम 5.उत्तर-पूर्व(ईशान) 6.दक्षिण-पूर्व(आग्नेय) 7.उत्तर-पश्चिम(वायव्य) 8.दक्षिण-पश्चिम(नऋत्य)’
प्रत्येक दिशा का मनुष्य के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि जिस भवन में वह निवास करता है उसके शुभाशुभ यह दिशाएं महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करतीं हैं।
उपरोक्त दिशाओं के कुछ वृक्ष भी निर्धारित हैं ’जिन्हें दिक्पाल वृक्ष कहते हैं’। निश्चित दिशा में उन वृक्षों के रोपण एवं पालन करने से शुभत्व में वृद्धि होती है।ये वृक्ष निम्न प्रकार हैंः-
’दिशा’ ’पूर्व’
’वृक्ष’ ’बांस/निर्गुण्डी’
’दिशा’ ’पश्चिम’
’वृक्ष’ ’कदम्ब/मौलश्री’
’दिशा’ ’उत्तर’
’वृक्ष’ ’जामुन/अशोक’
’दिशा’ ’दक्षिण’
’वृक्ष’ ’आंवला/आम्र’
’दिशा’ ’ईशान’
’वृक्ष’ ’चमेली/शेवतर्क’
’दिशा’ ’आग्नेय’
’वृक्ष’ ’गूलर/पलास’
’दिशा’ ’वायव्य’
’वृक्ष’ ’शमी/नीम’
’दिशा’ ’नैऋत्य’
’वृक्ष’ ’चंदन/सप्तपणीं’
प्रत्येक व्यक्ति पर ग्रहों एवं नक्षत्रों का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।आकाश में रात्रि में दिखाई देने वाले तारामंडल में से जिन ’27’ तारा समूहों को ज्योतिषीय गणना में आदिकाल से मान्यता प्राप्त है उन्हें ’नक्षत्र’ कहते हैं।व्यक्ति का जन्म जिस नक्षत्र में होता है, उसका प्रभाव उसके जीवन पर देखने को मिलता है। अतः अपने नक्षत्र के अनुसार भी वृक्षों का रोपण करने से व्यक्ति विशेष लाभ प्राप्त कर सकता है, जीवन मे आने वाली कठनाइयों को भी दूर किया जा सकता है।
’ज्योतिषाचार्य पं. राजीव शर्मा’
’बालाजी ज्योतिष अनुसंधान संस्थान, बरेली’।
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