सनातन हिन्दू पंचांग को वैदिक पंचांग कहा जाता है। इस पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बनता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण हैं। इस कॉलम के माध्यम से हम आपको दैनिक पंचांग में शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिन्दू मास एवं पक्ष आदि की जानकारी देने का प्रयास करते हैं।
शनिवार, अक्टूबर ३१, २०२० का पञ्चाङ्ग बरेली, भारत | |||
सूर्योदय: | ०६:२३ | सूर्यास्त: | १७:२८ |
हिन्दु सूर्योदय: | ०६:२७ | हिन्दु सूर्यास्त: | १७:२४ |
चन्द्रोदय: | १७:३२ | चन्द्रास्त: | चन्द्रास्त नहीं |
सूर्य राशि: | तुला | चन्द्र राशि: | मेष |
सूर्य नक्षत्र: | स्वाती | ||
द्रिक अयन: | दक्षिणायण | द्रिक ऋतु: | हेमन्त |
वैदिक अयन: | दक्षिणायण | वैदिक ऋतु: | शरद |
हिन्दु लूनर दिनाँक | |||
शक सम्वत: | १९४२ शर्वरी | चन्द्रमास: | आश्विन – अमान्त |
विक्रम सम्वत: | २०७७ प्रमाथी | आश्विन – पूर्णिमान्त | |
गुजराती सम्वत: | २०७६ | पक्ष: | शुक्ल पक्ष |
तिथि: | पूर्णिमा – २०:१८ तक | ||
नक्षत्र, योग तथा करण | |||
नक्षत्र: | अश्विनी – १७:५८ तक | योग: | सिद्धि – २८:२७ तक |
प्रथम करण: | विष्टि – ०७:०१ तक | ||
द्वितीय करण: | बव – २०:१८ तक | ||
अशुभ समय | |||
दुर्मुहूर्त: | ०६:२७ – ०७:११ | वर्ज्य: | १३:२८ – १५:१६ |
०७:११ – ०७:५५ | २८:४६ – ३०:३४ | ||
राहुकाल: | ०९:११ – १०:३४ | गुलिक काल: | ०६:२७ – ०७:४९ |
यमगण्ड: | १३:१८ – १४:४० | ||
शुभ समय | |||
अभिजित मुहूर्त: | ११:३४ – १२:१८ | अमृत काल: | ०९:५२ – ११:४० |
अन्य | |||
आनन्दादि योग: | सौम्य – १७:५८ तक | तमिल योग: | सिद्ध – १७:५८ तक |
ध्वांक्ष | मरण | ||
होमाहुति: | चन्द्र | अग्निवास: | पृथ्वी |
भद्रावास: | स्वर्ग – ०७:०१ तक | ||
निवास और शूल | |||
दिशा शूल: | पूर्व में | राहु काल वास: | पूर्व में |
नक्षत्र शूल: | कोई नहीं | चन्द्र वास: | पूर्व में |
चन्द्रबलम और ताराबलम | |||
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक:मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ *कन्या राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र | निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम १७:५८ तक:भरणी, कृत्तिका, मॄगशिरा, पुनर्वसु, अश्लेशा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढा, धनिष्ठा, पूर्व भाद्रपद, रेवती उसके पश्चात – निम्न नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबलम अगले दिन सूर्योदय तक:अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, स्वाती, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढा, श्रवण, शतभिषा, उत्तर भाद्रपद | ||
पञ्चक रहित मुहूर्त एवं उदय-लग्न | |||
आज के दिन के लिए पञ्चक रहित मुहूर्त:०६:२७ – ०७:४२ शुभ मुहूर्त ०७:४२ – १०:०० रज पञ्चक १०:०० – १२:०४ शुभ मुहूर्त १२:०४ – १३:४७ चोर पञ्चक १३:४७ – १५:१४ शुभ मुहूर्त १५:१४ – १६:४० रोग पञ्चक १६:४० – १७:५८ चोर पञ्चक १७:५८ – १८:१५ शुभ मुहूर्त १८:१५ – २०:११ रोग पञ्चक २०:११ – २०:१८ शुभ मुहूर्त २०:१८ – २२:२५ मृत्यु पञ्चक २२:२५ – २४:४५ अग्नि पञ्चक २४:४५ – २७:०२ शुभ मुहूर्त २७:०२ – २९:१८ रज पञ्चक २९:१८ – ३०:२८ शुभ मुहूर्त | आज के दिन के लिए उदय-लग्न मुहूर्त:०६:२७ – ०७:४२ तुला ०७:४२ – १०:०० वृश्चिक १०:०० – १२:०४ धनु १२:०४ – १३:४७ मकर १३:४७ – १५:१४ कुम्भ १५:१४ – १६:४० मीन १६:४० – १८:१५ मेष १८:१५ – २०:११ वृषभ २०:११ – २२:२५ मिथुन २२:२५ – २४:४५ कर्क २४:४५ – २७:०२ सिंह २७:०२ – २९:१८ कन्या २९:१८ – ३०:२८ तुला | ||
दैनिक उपवास और त्यौहार | |||
अश्विन पूर्णिमा,पूर्णिमा उपवास,वाल्मीकि जयन्ती,मीराबाई जयन्ती,नवपद ओली पूर्ण, |