ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा
विजयादशमी 2023 @bareillylive. विजयादशमी का त्योहार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। विजयादशमी को दशहरा भी कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन करते हैं और दशहरा की शस्त्र पूजा की जाती है। विजयादशमी का दिन बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। यह दिन स्त्री के सर्वशक्तिमान स्वरूप मां दुर्गा के अदम्य साहस और असीम शक्तियों का भी प्रतीक है। इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर तीनों लोकों की रक्षा की थी। इस साल विजयादशमी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा से जानते हैं कि विजयादशमी किस तारीख को है? दशहरा शस्त्र पूजा का मुहूर्त क्या है और विजयादशमी पर दुर्गा विसर्जन कब होगा?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर दिन सोमवार को शाम 06 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और यह तिथि 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट तक मान्य रहेगी।
ऐसे में उदयातिथि के विचार से विजयादशमी का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन दशहरा शस्त्र पूजा भी होगी।
रवि योग- विजयदशमी पर 24 अक्टूबर को सुबह 6ः27 से दोपहर 3ः38 तक और शाम को 6ः38 से अगले दिन सुबह 6ः28 तक रवि योग बन रहा है। कहते हैं कि रवि योग में किए गए कामों का शुभ फल मिलता है। इस योग में गृह प्रवेश, नौकरी और यात्रा जैसे शुभ कार्य किया जा सकता है।
वृद्धि योग- विजयदशमी के दिन वृद्धि योग भी बन रहा है, जो कि 24 अक्टूबर 2023 को दोपहर 3ः40 से शुरू होगा और रात तक रहेगा। कहा जाता है कि वृद्धि योग में पूजा पाठ और धर्म-कर्म करने से जातकों को उसका दोगुना फल मिलता है और उनकी सभी मनोकामना भी पूरी होती है.
विजयादशमी पर धनिष्ठा नक्षत्र सुबह से दोपहर 03ः28 तक है, उसके बाद से शतभिषा नक्षत्र है।
विजयादशमी की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः काल 7ः44 से 9ः13 तक उपरांत 10ः41 से 2ः09 तक तथा दोपहर 01ः13 से दोपहर 03ः28 के बीच पूजा कर सकते हैं।
विजयादशमी वाले दिन दशहरा शस्त्र पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर में 01ः58 से दोपहर 02ः43 तक है। दशहरा की शस्त्र पूजा हर साल विजय मुहूर्त में की जाती है।
इस साल विजयादशमी पर दुर्गा विसर्जन का समय सुबह में 02 घंटे 15 मिनट तक है। 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को दुर्गा विसर्जन सुबह 06ः27 से सुबह 08ः42 के बीच करना चाहिए। हालांकि धार्मिक मान्यता है कि बेटी विदाई मंगलवार के दिन नहीं करते हैं। ऐसे में जो लोग ये मान्यता रखते हैं, वे अगले दिन विजर्सन कर सकते हैं।
विजयदशमी की पूजा करने के लिए घर के ईशान कोण में आठ कमल की पंखुड़ियां से अष्टदल चक्र बनाया जाता है, इसके बाद अष्टदल के बीच में अपराजिता नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। मां दुर्गा के साथ ही भगवान श्रीराम की पूजा करनी चाहिए, इतना ही नहीं विजयदशमी के दिन बहीखाते और शास्त्रों की पूजा भी की जाती है। इन्हें पूजास्थल पर रखकर रोली, अक्षत इन्हें अर्पित करें और पूजा में शमी की पत्तियों को जरूर अर्पित करें।
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