प्रकृति के साथ शत्रुतापूर्ण दृष्टिकोण-हम अपने आपको प्रकृति से अलग समझते हैं और हमनें अपना उद्देश्य प्रकृति को जीत कर नियंत्रित करना बना लिया है। इस कारण प्राकृतिक संसाधनों का अन्धाधुन्द दोहन किये जा रहे हैं। वृक्षों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। हमारे कारखानों, वाहनों द्वारा ग्रीन हाउस गैसो का उत्सर्जन बढ़ता जा रहा है। परिणाम स्वरूप प्रति दशक पृथ्वी के औसत तापमान बहुत अधिक वृद्धि हो रही है। हमें यह परवाह नहीं है कि हमारी यह नासमझी पृथ्वी पर सम्पूर्ण जीवन का अस्तित्व खतरें में डाल रही है।
आज हमारे गर्मियों के दिन अधिक गर्म होते जा रहे हैं और सर्दियो के दिन अधिक सर्द, कभी सूखा तो कभी अतिवृष्टि, हमारे जल, स्थल, वायु सब कुछ प्रदूषित होते जा रहे हैं। नदियों को जल पशु पक्षियों के पीने लायक तक नहीं बचा है। कीट नाशकों का असर माँ के दूध तक पहुॅंच गया है। डायबिटीज, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप मानसिक बीमारियाँ हमारी एक तिहाई जन संख्या को चपेट में लिए हुए है। कैंसर, तपेदिक (टी.बी.), एड्स महामारी की तरह फैल रहीं है। हर कोई व्यक्ति आज तनाव में जी रहा है। सहनशीलता कम होती जा रही है। छोटी-छोटी बातों पर एक दूसरे को नुकसान पहुॅचाने को तैयार बैठे हैं। शहरों की सड़कों पर अकारण हार्न बजाते हैं। शहरों में ध्वनि प्रदूषण मनुष्य की सहने लायक सीमा से बहुत अधिक बढ़ चुका है। हमारे शहर कंकरीट के जंगलों और कूड़े के ढेरों में बदलते जा रहे हैं। शहरों का अनियोजित ढंग से विकास हो रहा है। हमारी शहरी जिंदगी शोर-शराबे व आपाधापी से भरी हुई है। ऐसे में शान्तिपूर्ण जीवन जीना कैसे सम्भव हो?
भारतीय धर्म यह मानते है, कि हम सबमें एक ही परमात्मा विद्यमान है, तथा अन्य धर्म यह मानते हैं कि हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं। किन्तु यह सब बाते सिर्फ धर्म पुस्तकों में ही रह गई हैं, व्यवहार में हमने इसे भुला दिया है। इसलिये हम प्रयास कर रहे है कि एक ऐसा वातावरण बनाया जाये जहाँ प्रकृति और दूसरे लोगों के साथ मैत्री भाव से रहा जाये।
मैत्री ईको पार्क में झील आपके स्लोवेनिया जैसे खूबसूरत देश में रहने का अहसास करायेगी। सचमुच ये झील ऐसी जगह होगी, जहां आप कहीं खो जाते हैं। झील के किनारे पर बने मकान में रहने की सुखद कल्पना करके देखियेए कितना अदभुत दृश्य आंखों के आगे घूम जाता है। दूसरी ओर लगे आम, नीम, अमलताश और पाम के बड़े-बड़े पेड़ आपको किसी रिसोर्ट में पिकनिक साइट पर होने का आभास रोजना देंगे। इसीलिए मैत्री ईको पार्क एक एेसी कालाेनी हो जहां आपकाे दिन शुरू होकर रात तक और रात के लेकर फिर सुबह तक आपकी हर सांस में स्वच्छ हवा और प्रकृति की गोद में जीने का नैसर्गिक आनंद होता रहेगा।
बरसात के मौसम के बाद जाड़ों की शुरूआत होते ही कुमुदनी व कमल के फूलों का सौन्दर्य देखते ही बनता हैं। फूलों में उठने वाली सुगन्ध वातावरण को मदमस्त कर देती है। कमल व कुमुदनी को हमारे धर्म ग्रन्थों में बहुत ही शुभ माना गया है।
मैत्री ईको पार्क में बच्चों के खेलने के लिए एक पार्क बनाया जायेगा जिसमें बच्चों के खेलने की सुविधायें होगी।
अपना शरीर सभी प्रकार की बीमारियों से बिना औषधियों के स्वयं को मुक्त करने में सक्षम है, बस उसको आपकी सहायता की आवश्यकता है। आपका उचित भोजन और दिनचर्या औषधि का कार्य करती है। मैत्री ईको पार्क में प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र बनाया जायेगा।
पार्क में एक क्लब साईज का आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्वीमिंग पूल बनाया जायेगा।
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