लखनऊ। भारतीय सनातन संस्कृति में कुम्भ मेला अत्यन्त महत्वपूर्ण है। अब प्रयाग की धरती पर 2019 में कुम्भ मेला लगेगा। इस बार के कुम्भ मेले के शिविरों से लोगों को भारत दर्शन कराने की व्यवस्था की जा रही है। शिविरों में लगने वाले तम्बुओं पर ऐसी चित्रकारी होगी जिसमें देशभर के पर्यटन स्थल चित्रित किये जायेंगे। मेला प्रशासन ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार कुम्भ मेले के कई शिविरों को पर्यटन स्थल के रूप में भी बनाया जाएगा। बता दें कि आमतौर पर मेले में लगने वाले तंबू सामान्य होते हैं। 2019 के कुम्भ मेले को कुछ अलग लुक देने की तैयारी है। कुम्भ को अद्भुत और अविस्मरणीय बनाने के लिए मेला प्रशासन यहां पर लगने वाले शिविरों को खास बनाने जा रहा है। कुछ शिविरों को भारत के प्रमुख मंदिरों की तर्ज पर तैयार किया जाएगा तो कुछेक को प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरों की तर्ज पर बनाये जाएंगे। इससे यहां आने वाले पर्यटकों को कुम्भ में ही पूरे भारत के दर्शन हो सकेंगे।
नदियां और गंगासागर के भी होंगे दर्शन
किसी शिविर में कुम्भ कलश की चित्रकारी होगी तो कुछेक तम्बुओं में नदियों के चित्र उकेरे जाएंगे। गंगा, जमुना, गोदावरी, कावेरी तो किसी शिविर में गंगा सागर का दृश्य चित्रित किया जाएगा। किसी शिविर में कोर्णाक मंदिर, कहीं काशी विश्वनाथ, कहीं तिरुपति बालाजी और रामेश्वरम मंदिर की झलक दिखाई देगी।
सभी राज्यों के बनेंगे अलग द्वार
इसके साथ ही सभी राज्यों के अलग-अलग गेट भी बनाए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजा जाएगा। राज्यवार लोग प्रयाग की धरती पर लाने की तैयारी है।
कुम्भ मेले को लेकर हुई बैठक में इसका फैसला लिया गया। लखनऊ में हुई बैठक में मंडलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल, जिलाधिकारी सुहास एलवाई, कुम्भ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद, पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।