Bhoomi-samadhi of Brahmalin Mahant Narendra Giri

प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेन्द्र गिरि को बुधवार को बाघम्बरी मठ में भू-समाधि दे दी गई। फूलों से सजे वाहन पर पार्थिव शरीर रखकर अंतिम यात्रा शहर के मार्गों से होकर गंगा, यमुना और अदृश्‍य सरस्‍वती के पावन संगम पहुंची।  अंतिम प्रक्रिया नरेन्द्र गिरि के सुसाइड नोट में घोषित उत्तराधिकारी बलवीर ने संपन्न कराई। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर का स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल में 5 डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बंद लिफाफे में भेजी जाएगी। शुरुआती रिपोर्ट में फांसी लगाने की बात सामने आई है।

पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेन्द्र गिरि की पार्थिव देह को प्रयागराज शहर में घुमाते हुए संगम पर गंगा में स्नान कराया गया। फिर देह को लेटे हुनमान मंदिर ले जाया गया। इसी मंदिर के नरेन्द्र गिरी महंत थे और रोजाना एक बार दर्शन के लिए जाते थे। फिर बाघम्बरी मठ में ही भू-समाधि देने की प्रक्रिया का अंतिम चरण शुरू किया गया। वैदिक मन्त्रोच्चारण और शिव उद्घोष किया गया। फूल के साथ मिट्‌टी डाली गई। इस दौरान 13 अखाड़ों के साधु-संत मौजूद रहे। आखिर में शुद्धिकरण की प्रक्रिया शुरू हुई।

अंतिम प्रक्रिया में एक क्विंटल फूल, एक क्विंटल दूध, एक क्विंटल पंच मेवा, मक्खन समेत 16 चीजें समाधि में डाली गईं। अंतिम प्रक्रिया को कुछ देर के लिए परदे से भी ढका गया। मीडिया को इससे दूर रखा गया। संतों ने बताया यह गोपनीय प्रक्रिया होती है, इसलिए ऐसा किया गया।

अखाड़ों में 7 दिवसीय शोक घोषित

अखाड़ा परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री हरि गिरि के अनुसार महंत नरेन्द्र गिरि के ब्रह्मलीन होने पर अखाड़ों में 7 दिवसीय शोक घोषित किया गया है। षोडशी भंडारा 5 अक्टूबर  को होगा। उसके पहले अखाड़ा परिषद की एक गुप्त टीम भी महंत नरेन्द्र गिरि की मौत की आंतरिक जांच करेगी। षोडशी भंडारा के बाद अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष के बारे में चर्चा होगी।

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