जानकारों के मुताबिक सभी प्रकार के ब्रेस्ट इम्प्लांट से स्तनपान यानी ब्रेस्टफीडिंग में समस्या नहीं होती। आमतौर पर तीन तरह के ब्रेस्ट इम्प्लांट किये जाते हैं। इम्प्लांट की एक्जीलरी तकनीक में बगल यानी आर्मपिट के नीचे चीरा लगाकर इम्प्लांट किया जाता है। आर्मपिट के आसपास की मांसपेशियां ब्रेस्ट और मिल्क से नहीं मिली होती, इसलिए ऐसे इम्प्लांट से ब्रेस्टफीडिंग पर कोई असर नहीं पड़ता।
इंफ्रा-ममरी तकनीक में ब्रेस्ट के नीचे चीरा लगाया जाता है। एक्जीलरी तकनीक की ही तरह यह भी सुरक्षित है, और ब्रेस्टफीडिंग के लिए बाधक नहीं होता । साथ ही स्तन से दूध भी आसानी से निकलता है।
पेरिआरिओलर तरीके से ब्रेस्ट इंप्लांट अच्छा नहीं माना जाता है। इस तरीके का चुनाव नहीं करना चाहिए। इसमें निप्पल के पास चीरा लगाया जाता है। जिससे उन टिशु को नुकसान पहुंचता है जो ब्रेस्टफीडिंग के लिए जरूरी हैं। साथ ही इससे दूध निकलने का रास्ता बाधित हो जाता है।
बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…
हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…
बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…
बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…
बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…
Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…