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नयी दिल्लीः भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट की घुसपैठ के बाद यहां कोरोना संक्रमण की रफ्तार अचानक तेज हो गयी है। ताजा आंकड़े डराने और चेताने वाले हैं कि अभी भी समय है संभल जाओ, जरा-सी भी लापरवाही की तो स्थिति फिर दूसरी लहर की तरह खराब हो सकती है। हालत यह है कि देश में कोरोना संक्रमण 6.3 गुना से ज्यादा रफ्तार से बढ़ रहा है। देश में 29 दिसंबर 2021 तक प्रतिदिन 9 हजार से ज्यादा नये मरीज मिल रहे थे जो 8 दिन बाद यानी बुधवार को 58 हजार के आंकड़े को पार गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, झारखंड और गुजरात 8 ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना संक्रमण के आंकड़े काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। यह हमारे लिए चिंता की बात है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश के 28 जिले ऐसे हैं, जहां साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट में 10 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया है। 43 जिलों में संक्रमण की दर 5 से 10 फीसदी के बीच दर्ज की गई है। इसी तरह देशभर में 29 दिसंबर 2021 को पॉजिटिविटी रेट 0.79% पर था जो 5 जनवरी को 5.03% के स्तर पर पहुंच गया। इस तरह संक्रमण में अचानक से एक बड़ी उछाल दर्ज की गई है।

बढ़ते मामलों के बीच यह है राहत की बात

हालांकि इन डरावने आंकड़ों और ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच राहत की बात ये है कि बढ़ते संक्रमण के बाद भी अब तक ऐसे कम ही मरीज मिले हैं, जिन्हें अस्पताल मे भर्ती कराने की जरूरत पड़ी हो। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हमें कोरोना की तीसरी लहर से डरना नहीं है, बल्कि सावधानी के साथ अनुशासन का पालन करते हुए आगे की हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

15 से 18 उम्र वाले 7.40 करोड़ बच्चों का होगा वैक्सीनेशन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक के बच्चों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया गया है। देश में इस आयु वर्ग के 7.40 करोड़ बच्चे हैं जिन्हें वैक्सीनेट किया जाना है। इसके अलावा 10 जनवरी से हेल्थ केयर, फ्रंट लाइन वर्कर्स और कोर्मोबिडिटीज यानी गंभीर बीमारी से जूझ रहे 60 से ज्यादा उम्र वालों को प्रिकॉशन डोज दिया जाना है। उन्हें जिस तरह से वैक्सीन का पहला और दूसरा डोल दिया गया, उसी तरह तीसरा डोज भी दिया जाएगा।

मोल्नुपिराविर नेशनल टास्क ट्रीटमेंट में शामिल नहीं

आईसीएमआर (ICMR) के महानिदेशक (DG) डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि मोल्नुपिराविर को लेकर सेहत संबंधी गंभीर सवाल हैं। इससे सेल्स, मसल्स और हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है। बच्चों से संबंधित शंकाएं हैं। इसलिए इसे नेशनल टास्क ट्रीटमेंट में शामिल नहीं किया गया है।

4 जनवरी को दुनिया में मिले रिकॉर्ड मरीज

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 4 जनवरी को वैश्विक स्तर पर कोरोना के 25.2 लाख मामले दर्ज किए गए, जो महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक सबसे ज्यादा है। 4 जनवरी को खत्म हुए सप्ताह में लगभग 65 प्रतिशथमामले अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और स्पेन से सामने आए हैं। वहीं, दुनियाभर के देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से मरने वालों की संख्या 108 हो गई है।

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