म्यांमार में हिंसा से बचने के लिए देश छोड़कर भाग रहे रोहिंग्या मुसलमानों के ऊपर बम बरसाने की खबर सामने आई है। ये सभी लोग बांग्लादेश की ओर भाग रहे थे। हमले में जिंदा बचे एक रोहिंग्या ने बताया कि करीब 1000 लोग नदी किनारे खड़े थे, तभी उनके ऊपर बम गिरने लगे। उसके परिवार के 12 सदस्यों में केवल 4 बांग्लादेश पहुंच पाए हैं।
जहाँ एक तरफ भारत में कई रोहिंग्या घुसपैठिए दर्जी दस्तावेज बना कर बैठे हुए हैं और विभिन्न प्रकार के अपराधों में भी लिप्त पाए जाते हैं, वहीं पड़ोसी देश म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों पर वार किया जा रहा है। बांग्लादेश में अराजकता का माहौल है, शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर मुल्क से भागना पड़ा। उसके बाद नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। इसी बीच मुफीद माहौल देख कर म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश में घुसपैठ करने लगे।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सीमा के पास ही म्यांमार ने इन रोहिंग्या मुस्लिमों की लाशें बिछा दी। उनके रिश्तेदार अपनों के शवों को ढूँढ रहे हैं। ये घटना सोमवार (5 अगस्त, 2024) की बताई जा रही है, जिसका खुलासा अब हुआ है। इस घटना के 4 गवाह सामने आए हैं। इस हमले में एक गर्भवती महिला और उसकी 2 साल की बेटी की भी मौत हो गई। म्यांमार में जुंटा सेना और बागियों की झड़प के बीच रखाइन में ये पहला बड़ा हमला है। इस घटना के लिए ‘अराकान आर्मी’ को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
हालाँकि, उसने और म्यांमार की सेना दोनों ने इस घटना से खुद को अलग कर लिया है। मृतकों के स्पष्ट आँकड़े अब तक सामने नहीं आए हैं। वीडियो में देखा गया कि दलदली क्षेत्र में लाशें बिछी हुई हैं और आसपास उनके सूटकेस और बैग्स के अलावा अन्य सामानों के ढेर लगे हुए हैं। वहाँ से बच कर निकले कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने 70 लाशें देखी हैं, जबकि कुछ ने 200 का आँकड़ा दिया है। घटना म्यांमार के तटीय शहर माउंगडॉ के पास की है। मोहम्मद इलियास ने बताया कि उसकी गर्भवती पत्नी और 2 साल की बेटी मारी गई।