वाराणसी: ज्ञानवापी सर्वे के बाद कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल होने से पहले हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु जैन ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने ज्ञानवापी मामले को साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश बताने वाले बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सही नहीं है। कहा कि यदि मेरे अराध्य देव, ईश्वर की बेअदबी हो रही है तो क्या यह हिंदू समाज के लोगों का हक नहीं है कि वे अपने अराध्य देव, ईश्वर के लिए आवाज उठाएं।
उन्होंने यह बयान अस्पताल से जारी किया है। सर्वे के आखिरी दिन ही उनकी तबियत खराब हो गई थी और वह अस्पताल में थे। तबियत ठीक होने के बाद डिस्चार्ज होते ही उन्होंने अस्पताल में मीडिया को संबोधित किया।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बयान का उल्लेख करते हुए विष्णु जैन ने कहा कि जब ओवैसी साहब कह सकते हैं कि ‘मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद रहेगी’ तो वह इस्लामी कानून के हिसाब से यह बात कहते हैं। हमारा हिंदू लॉ यह कहता है कि मंदिर थी, मंदिर है और मंदिर रहेगा। सवाल यह है कि यदि हम अपनी आवाज कानूनी और संवैधानिक रूप से कोर्ट में उठाते हैं तो इस तरह के सवाल उठाए जाते हैं और यदि न उठाएं तो सेकुलर और सौहार्द बनाने का संदेश जाता है। मुझे लगता है कि यह गलत है।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि भोलेनाथ को 352 साल से कैद रखा गया था। पूर्णिमा के दिन स्वयंभू भगवान खुद से प्रकट हुए हैं। अभी इंतजार करिए, आगे और चौंकाने वाले खुलासे होंगे। इसके पहले विष्णु जैन ने बताया कि उनके पिता हरिशंकर जैन को शनिवार को अस्थमा अटैक के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां काफी अच्छे इलाज के बाद अब वह ठीक हैं। उन्होंने बताया कि आज वे लोग दिल्ली जा रहे हैं। कहा कि आगे जब भी जरूरत होगी वे वाराणसी आएंगे।
हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि माहौल बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ एक पक्ष की नहीं, हम कानून के रक्षक हैं और हमारा काम जनभावनाओं और सच को सामने लाना है। सच क्या है यह सामने आना सबसे जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि नंदी से सामने व्यास जी के कक्ष से शिवलिंग तक रास्ता जाता है। बताया कि वहां खुदाई कराने की मांग की गई है। वजूखाने में मिले शिवलिंग के फव्वारा होने के दूसरे पक्ष के दावे पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो वे फव्वारा चलाकर दिखा दें। फव्वारा है तो उनके नीचे पानी सप्लाई की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। दूसरे पक्ष को जांच में फिर ऐतराज क्यों है?