News

घर खरीददार को धोखा : सुपरटेक के एमडी मोहित अरोड़ा को 3 साल की कैद

नई दिल्ली। घर खरीदने के इच्छुक लोगों को सब्जबाग दिखाकर उनकी खून-पसीने की कमाई हड़पने वाले धोखेबाज बिल्डरों/रियल एस्टेट कम्पनियों के लिए यह फैसला एक सबक है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC, एनसीडारसी) ने घर खरीददार को समय पर कब्जा नहीं देने और पैसा वापस नहीं करने पर सुपरटेक कंपनी के एमडी मोहित अरोड़ा को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। आयोग ने मोहित अरोड़ा की गिरफ्तारी का वारंट भी जारी किया है।

हालांकि,  राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने इस सजा से बचने के लिए मोहित अरोड़ा को एक मौका भी दिया है। आयोग ने निर्देश दिया कि कंपनी (सुपरटेक) अगर पैसा वापस करने में विफल रहती है तो 7 दिनों के बाद आदेश लागू किया जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने कहा कि निर्देश का पालन न करने और अपनी प्रतिबद्धता का अनादर करने को ध्यान में रखकर हम कंपनी के प्रबंध निदेशक को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,1986 की धारा-27 के तहत तीन साल कैद की सजा सुनाते हैं। साथ ही उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी करते हैं। यदि सुपरटेक एक सप्ताह के भीतर इस आयोग के सामने रकम जमा कर देता है तो वारंट का पालन नहीं किया जाएगा।

यह था मामला

आयोग ने यह आदेश रिटायर्ड ब्रिगेडियर कंवल बत्रा और उनकी बेटी रूही बत्रा की याचिका पर सुनाया है। बिल्डर की तरफ से दी जाने वाली रकम ब्रिगेडियर बत्रा और उनकी बेटी को ही दी जाएगी। आयोग के पीठासीन सदस्य सी. विश्वनाथ और न्यायमूर्ति राम सूरत राम मौर्य ने फैसले में कहा कि हम जानते हैं कि आप (सुपरटेक) खरीददार की रकम का कैसे भुगतान करेंगे।

दरअसल, रिटायर्ड ब्रिगेडियर कंवल बत्रा और उनकी बेटी रूही बत्रा ने सुपरटेक के प्रोजेक्ट में एक विला खरीदा था। सुपरटेक की ओर से दिसंबर 2013 में लगभग 1.03 करोड़ रुपये के इस विला का ऑफर दिया गया था। बिल्डर ने विला का कब्जा अगस्त 2014 में देने का वादा किया था लेकिन परियोजना के लिए मंजूरी नहीं मिलने की वजह से सुपरटेक ने विला का कब्जा नहीं दिया और न ही उसने ब्याज के साथ पैसे वापस करने के आयोग के 2019 के फैसले का पालन किया।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था 2 आवासीय टॉवरों को गिराने का आदेश

एक महीने के भीतर सुपरटेक को दूसरी बार करारा झटका लगा है। इससे पहले 21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना के दो 40-मंजिला आवासीय टावरों को ढहाने का आदेश दिया था। उस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को इमारत के मानदंडों का गंभीर उल्लंघन का दोषी माना था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बिल्डर व नोएडा विकास प्राधिकरण की मिलीभगत से उन टावरों का अवैध निर्माण हुआ था।

gajendra tripathi

Recent Posts

जय नारायण में शिविर में स्काउट्स ने सीखा तम्बू निर्माण एवं प्राथमिक चिकित्सा

बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…

1 week ago

कमिश्नर और आईजी ने किया ककोड़ा मेला स्थल का निरीक्षण, दिये सुरक्षा एवं स्वच्छता पर विशेष निर्देश

हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…

1 week ago

स्काउट एवं गाइड की जिला स्तरीय बीएसजी ज्ञान प्रतियोगिता सम्पन्न, विजेता राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे

बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…

1 week ago

14 नवम्बर संकल्प : 1962 में कब्जायी भारत भूमि को चीन से वापस लेने की शपथ को पूरा करे सरकारः शैलेन्द्र

बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…

1 week ago

चौबारी मेले के कारण बरेली में 14 से रूट डायवर्जन, इन रास्तों से निकलें, भारी वाहनों की नो एंट्री

बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…

1 week ago

भाजपा का लक्ष्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय को साकार करना : पवन शर्मा

Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…

1 week ago