death of monkeys
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अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में संदिग्ध परिस्थितियों में बीते नौ दिनों में 170 से अधिक बंदरों की मौत हो चुकी है। वन, पशुपालन एवं स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के तमाम जतन के बाद भी बंदरों की मौतों का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक अजब सी बीमारी बंदरों को हो रही है। इसमें बंदरों को खूनी दस्त होते हैं फिर वे खाना-पीना छोड़ देते हैं और दो-तीन में उनके प्राण पखेरु उड़ जाते हैं। वन विभाग के अधिकारियों की माने तो बंदरों की जान बचाने के लिए अनेक उपाय किय जा रहे हैं, लेकिन सब व्यर्थ साबित हो रहे हैं। बंदरों की मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लग सकता है। इसके लिए बंदरों का बिसरा सुरक्षित कर जांच के लिए बरेली के आईवीआरआई (IVRI) भेजा गया है।

आईवीआरआई भेजा गया बिसरा

बता दें कि अमरोहा जिले के आदमपुर थाना क्षेत्र के ढवारसी गांव में बीते आठ-नौ दिनों से बड़ी संख्या में बंदरों की मौत हो रही है। मौत के कारण स्पष्ट नहीं हो पा रहे हैं। गांव वालों के अनुसार बंदर खूनी दस्त के बाद तड़पकर दम तोड़ देते हैं। रोजाना दस से बारह बंदर मर रहे हैं। बंदरों की मौत से लोग हैरान हैं। ग्रामीण डरे हुए ​हैं कि कहीं यह ‌अज्ञात बीमारी इन्सानों को अपनी चपेट में ना ले ले।

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ तेजपाल सिंह के अनुसार पोस्टमार्टम में यह बात साबित हुई है कि बंदर का पेट खाली था। यानी मरने से दो तीन दिन पहले से बंदर ने कुछ खाया नहीं था। बंदरों का फेफड़ा और लीवर भी खराब मिला है। खूनी दस्त से बंदरों की मौत हो रही है, लेकिन मौत का वास्तविक कारण क्या है ये बिसरा की रिपोर्ट आने के बाद ही पता लगेगा। फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद बंदरों का बिसरा आईवीआरआई (IVRI) बरेली भेजा गया है, जिससे उनकी मौत का असली कारण सामने आ सके।

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ तेजपाल सिंह के अनुसार पोस्टमार्टम में यह बात साबित हुई है कि बंदर का पेट खाली था। यानी मरने से दो तीन दिन पहले से बंदर ने कुछ खाया नहीं था। बंदरों का फेफड़ा और लीवर भी खराब मिला है, खूनी दस्त से बंदरों की मौत हो रही है। लेकिन मौत का वास्तविक कारण क्या है ये बिसरा की रिपोर्ट आने के बाद ही पता लगेगा। फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद बंदरों का बिसरा आईवीआरआई (IVRI) बरेली भेजा गया है, जिससे उनकी मौत का असली कारण सामने आ सके।

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