नई दिल्ली।दिल्ली में आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी हैं। अब आप 150 साल पुराने भाप इंजन से चलने वाली गाड़ी की सवारी कर सकेंगें। आपकी यह इच्छा अगले साल तक पूरी हो सकती है। ऐसी तीन भाप इंजन वाली ट्रेनों को राष्ट्रीय रेल संग्रहालय (एनआरएम) यहां फिर से चलाने जा रहा है। इनमें से एक इंजन तो 1865 का बना हुआ है।
1865,1920,1951 में निर्मित भाप इंजन
इनमें फीनिक्स 1920 में निर्मित, राम गोटी 1865 में निर्मित और फायरलेस लोकोमाटिव 1951 का बना हुआ है। विशेषज्ञों का एक समूह इन तीनों इंजनों को फिर से शुरू करने के कार्य में लगा हुआ है। राष्ट्रीय रेल संग्रहालय के निदेशक अमित सौराष्ट्री ने भाषा को बताया- ‘हम उन्हें पर्यटन के उद्देश्य से फिर से शुरू करने जा रहे हैं। फायरलेस लोकोमोटिव इसी साल के अंत तक तैयार हो जाएगा और इसे राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में पर्यटकों के लिए चलाये जाने की संभावना है।’
अंतिम बार यहां किया गया था इन इंजनों का प्रयोग
निदेशक ने कहा कि दो अन्य इंजनों को फिर से चलाने के लिए अगले साल तक तैयार कर दिया जाएगा।एक अधिकारी ने बताया कि फीनिक्स लोको का उपयोग अंतिम बार बिहार के जमालपुर में ट्रेन की पटरी बदलने के लिए किया गया था, जबकि रामगोटी का उपयोग कोलकाता में नगरपालिका ने कचरे के निपटान के लिए किया था।फायरलेस लोकोमोटिव का उपयोग अंतिम बार झारखंड के सिंदरी फर्टिलाइजर्स में किया गया था।
वर्तमान में पर्यटक संग्रहालय में हर रविवार को भाप इंजन वाली टॉय ट्रेन और हरेक गुरुवार को पटियाला स्टेट मोनोरेल की सवारी का मजा ले सकते हैं।