26 जनवरी की सुबह कासगंज में ‘वन्देमातरम’और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए हाथों में तिरंगा झंडा लिए कुछ युवा मोटरसाइकिलों से जुलूस निकाल रहे थे। लेकिन जुलूस जैसे ही अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र बड्डूनगर में पहुंचा तो कुछ उपद्रवी तत्वों ने बाइक सवारों पर पथराव और फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में दो युवक अभिषेक गुप्ता उर्फ चन्दन एवं नौशाद घायल हो गए। घायल चंदन को सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
इस मामले में बुधवार कासगंज में हिंसा प्रभावित इलाके में कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को जाने की इजाजत नहीं मिली है। कासगंज के डीएम ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए इलाके में नेताओं के आने पर रोक लगाई है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रमुख राज बब्बर के नेतृत्व में आज (बुधवार) कांग्रेस का 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित इलाके में दौरे के लिए जाने वाला था। खबर है कि जिला प्रशासन की मंजूरी ना मिलने के बावजूद भी कासगंज जाने पर कांग्रेस पार्टी अड़ी हुई है। बता दें कि कासगंज में अभी भी हालात सामान्य नहीं है. अभी भी कई इलाकों में धारा 144 लगी हुई है। इस मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित 4 सदस्यों की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) इस हिंसा की जांच कर रही है।
कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा है, ’मैं भी उस प्रतिनिधि मंडल में शामिल था. हम वहां जाना चाहते थे। यदि हमारे जाने से सरकार को तकलीफ होती है तो वहां बहुत से दूसरे नेता भी जा रहे हैं उन्हें तो नहीं रोका गया है।’ गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार शाम जारी एक बयान में कहा कि कासगंज हिंसा प्रकरण में अब तक सात मामले दर्ज किये गये हैं और 33 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि कासगंज हिंसा में चंदन गुप्ता की मौत मामले में डीएम आरपी सिंह ने सोमवार को शुरुआती जांच के आधार पर बड़ा खुलासा किया था। डीएम आरपी सिंह ने कहा कि छत से गोली चलने की वजह से चंदन की मौत हुई है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
डीएम ने बताया कि चंदन गुप्ता की संकल्प संस्था से जुड़े थे। घटना वाले दिन संकल्प संस्था के करीब 70-80 युवा बाइक पर तिरंगा लगाकर नारे लगाते हुए शहर में परिक्रमा कर रहे थे। वडुनगर मोहल्ले में जब वे पहुंचे तो वहां पहले से जाति विशेष के लोग इकट्ठे थे। वे लोग ध्वजारोहण के बाद भाषण दे रहे थे। रास्ते को लेकर इनमें आपस में वाद-विवाद हुआ, हालांकि इस बात का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है, जिससे पता चल सके कि विवाद की वजह क्या है।
सोमवार को मृतक चंदन के घर पर डीएम आरपी सिंह सहित अन्य आला अधिकारी पहुंचे थे. डीएम ने जब चंदन के पिता को 20 लाख रुपए का चेक देने की कोशिश की तो वे भड़क गए। उन्होंने अफसरों को फटकारने के अंदाज में खरी-खरी सुना दी। अधिकारियों ने करीब आधे घंटे तक मृतक के पिता को समझाया, जिसके बाद वे चेक लेने को तैयार हुए।
कासगंज हिंसा के मामले में सरकार ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक को हटा दिया। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कासगंज के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर पीयूष श्रीवास्तव को पुलिस कप्तान बनाया गया है।
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