घुटने एवं कूल्हे के replacement से बढ़ सकता है Heart Attack का खतरा

knee replacement and hipवाशिंगटन। एक शोध में यह बात सामने आयी है कि अपने घुटने या कुल्हे का पूर्ण प्रतिरोपण कराने वाले अस्थि रोगियों में अल्पावधि में हृदयाघात का खतरा बढ़ सकता है। शोध निष्कर्ष संकेत करता है कि इस प्रक्रिया के बाद दीर्घकालिक हृदयाघात का जोखिम तो नहीं होता लेकिन कुछ समय के लिए शिराओं और फेफड़े में खून के थक्के जमने का जोखिम बना रहता है।

जब संयुक्त उपास्थियां और अस्थियां क्षरित होने लगती हैं तो घुटने या कुल्हे का प्रतिरोपण ही दर्द और अकड़न से निजात पाने एवं गतिशीलता बनाए रखने के लिए एक मात्र विकल्प हो सकता है।

अमेरिका के बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के मेडिसीन एवं एपिडिमियोलोजी के प्रोफेसर युकिंग झांग ने कहा, ‘‘इस बात के सबूत हैं कि संयुक्त प्रतिरोपण सर्जरी से अस्थिरोगियों को दर्द से आराम होता है, जीवन की गुणवत्ता सुधर जाती है लेकिन इससे उनके हृदय कर सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव की पुष्टि नहीं हुई। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अध्ययन इस बात का परीक्षण करता है कि क्या जोड़ों की प्रतिरोपण सर्जरी से अस्थिरोगियों में गंभीर हृदयरोग का जोखिम घट जाता है या नहीं। ’’ उन्होंने कहा कि पूर्ण घुटना एवं कुल्हा प्रतिरोपण कराने वालों के लिए पहले महीने और उसके बाद कुछ समय के लिए शिराओं में खून के थक्के जमने का जोखिम होता है।

एजेन्सी