– ठिठुर गया जनमानस, माघ में जमकर बरस रहे मेघ
– रही सही कसर पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता ने कर दी पूरी
– पकिस्तान से लेकर भारत तक फैली बादलों की चादर, दिन में छाया अंधेरा
अखिलेश सक्सेना, बरेली : पश्चिमी विक्षोभ और प्रशांत महासागर में ला नीना के प्रभाव ने उत्तर पश्चिम भारत में लोगों को नानी याद दिला दी है। जनमानस ठंड से बुरी तरह ठिठुर गया है। बाकी कसर माघ के महीने में मेघ की तेज बौछारों ने पूरी कर दी है। मौसम की पल-पल कुंडली खंगालने वालों ने अभी दो-चार दिन और ऐसे ही हालात बने रहने का अनुमान जताया है।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड का अधिकतर हिस्सा पिछले कई दिनों से शीतलहर की चपेट में है। पहड़ों पर बर्फ और मैदानी हिस्सों में बर्फीली हवाओं ने जनजीवन संकट में डाल दिया है। शनिवार को दोपहर बाद शीतल हवा के बीच जब सूर्यदेव झांके तो कुछ राहत महसूस हुई लेकिन शाम होते-होते लोग ठिठुरने लगे। रात में घने बादल छा गये और रविवार को सवेरा होते ही पानी की तेज बौछारें पड़ने लगीं। कभी हल्की तो कभी तेज बारिश का यह सिलसिला दिनभर चलता रहा। अपरान्ह करीब तीन बजे के बाद तो एकाएक अंधेरा छा गया।
जानिये मौसम की बदमिजाजी की वजह
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ मौसम विग्यानी डॉ. आरके सिंह ने बताया कि ठंड और बारिश की मुख्य वजह ला नीना है। जब समुद्री सतह का तापमान सामान्य से नीचे होता है तो इस स्थिति को ला नीना कहते हैं। समुद्र में ला नीना के संक्रमण की वजह से भारी ठंड और बारिश के आसार बढ़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि पहाड़ों पर भारी हिमापात के कारण वायु के उच्च दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। बर्फीली हवाएं निम्न दबाव वाले मैदानी हिस्सों को ठंडा कर रही हैं। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हो रही है। कहीं-कहीं ओलावृष्टि की खबरें है। मौसम का यह मिजाज अभी तीन से चार दिन और बने रहने की संभावना है। पहाड़ों पर लगातार हिमपात की वजह से तापमान लगातार नीचे आ रहा है। इस वजह से उत्तर-पश्चिम भारत में शीत का प्रकोप बना हुआ है। आसमान से बादल हटने का नाम नहीं ले रहे।
बादल और कोहरा भी बढ़ा रहे सर्दी
राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के मौसम विग्यानी आरके जेनीमनी के अनुसार गंगा के तराई वाले क्षेत्रों में कहीं घने तो कहीं आंशिक रूप से छाए बादलों के कारण कोहरे जैसी स्थिति से तापमान गिर रहा है। बादल 1700 किलोमीटर तक छाए हुए हैं जिनका रुख पाकिस्तान से भारत के बिहार की ओर है। उन्होंने बताया कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के उत्तरी क्षेत्रों में अभी बारिश की संभावना बनी हुई है जिससे ठंड बढ़ सकती है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तरी मध्यप्रदेश, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में घना कोहरा छाया रह सकता है।
फसलों के लिए भारी नुकसानदायक
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ मौसम विग्यानी डॉ आरके सिंह ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि की वजह से सभी फसलों को भारी नुकसान हो सकता है। आलू, मटर आदि सब्जियों में झुलसा और गेहूं आदि सिंचित फसलों में पत्ते पीले पड़ने की बीमारी हो सकती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों में पानी का जमाव न होने दें। जहां पानी भरा हो उसे बाहर का रास्ता दिखा दें, अन्यथा फसल सड़ने की आशंका पैदा हो सकती है।