लखनऊ/उन्नाव । उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत के बाद हरकत में आई पुलिस ने मंगलवार को बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही चार अन्य अभियुक्त गिरफ्तार किये गए हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने भी यह मान लिया है कि पीड़िता के पिता की हत्या हुई है, लिहाजा पहले से दर्ज मारपीट के मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ा दी गई है। गिरफ्तार आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। इस बीच शासन ने एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण के नेतृत्व में एसआइटी गठित कर 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी पूरे मामले में रिपोर्ट तलब कर ली है।
विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई व उसके गुर्गो की जिस बर्बरता पर पुलिस पर्दा डालने की कोशिश कर रही थी, उसे दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने जगजाहिर कर दिया। सोमवार को आधी रात के बाद रिपोर्ट आई तो पता चला कि पीड़िता के पिता के शरीर में गंभीर अंदरूनी चोटें थीं।
इसके बाद पुलिस हिलने पर मजबूर हुई और मंगलवार भोर ही विधायक के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। डीआइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि मारपीट के मामले में सोमवार को आरोपित विनीत, बउवा, शैलू व सोनू को गिरफ्तार किया था और एसआइटी उन्नाव के माखी थाने में दर्ज हत्या के मुकदमों सहित विधायक पर लगे दुष्कर्म के आरोप से जुड़े सभी बिंदुओं पर जांच करेगी। पीड़िता की ओर से दिए प्रार्थनापत्र भी जांच में शामिल होगे। एडीजी कानून-व्यवस्था आनन्द कुमार ने कहा कि विधायक कुलदीप सेंगर से पूछताछ होगी।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
उप्र का उन्नाव दुष्कर्म मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मंगलवार को कोर्ट में एक जनहित याचिका वकील एमएल शर्मा ने दाखिल की। याचिका में कहा गया है कि विधायक पर आरोप हैं, इसलिए राज्य पुलिस दबाव में होगी। ठीक से जांच नहीं करेगी। मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी जाए। पीड़िता और उसके परिवार को समुचित सुरक्षा दी जाए। पीड़िता को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड की तरह ही मुआवजा दिया जाए।
सीएम योगी सख्त, 24 घंटे के अंदर SIT से मांगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मामले की जांच के लिए गठित SIT को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है, जो बुधवार शाम तक आ सकती है। इसके बाद कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। रविवार को पीड़ित किशोरी के मुख्यमंत्री आवास के समीप आत्मदाह की कोशिश के बाद से ही मामले में कड़े कदम की संभावना जताई जाने लगी थी। पीड़िता के पिता की मौत के बाद विधायक कुलदीप सेंगर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे, लेकिन बैरंग लौटना पड़ा था।