उन्होने बताया कि इसका लाभ उन स्थानीय निकायों, स्वशासी संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों के कार्मिकों को भी मिलेगा जिनमें पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स लागू किया गया है। इन भत्तों की बढ़ी दरें पहली जुलाई 2018 से लागू होंगी जिनका भुगतान अगस्त के वेतन के साथ होगा।
एचआरए बढ़ऩे का फायदा प्रदेश के लगभग 15.02 लाख कर्मचारियों व शिक्षकों को होगा। वहीं सीसीए में इजाफे का लाभ प्रदेश में एक लाख से अधिक आबादी वाले नगरीय क्षेत्रों में रहने वाले कर्मचारियों और शिक्षकों को मिलेगा।
कर्मचारियों व शिक्षकों के भत्ते बढ़ाने के बारे में राज्य वेतन समिति की सिफारिशों के मद्देनजर मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में इन फैसलों के समेत कुल आठ निर्णय हुए। अपर मुख्य सचिव वित्त ने बताया कि एचआरए और सीसीए की मौजूदा दरें एक दिसंबर 2008 से लागू हैं। सातवां वेतनमान एक जनवरी 2016 से लागू हो चुका है।
सातवें वेतन आयोग के संदर्भ में गठित राज्य वेतन समिति ने कर्मचारियों और शिक्षकों के भत्तों के बारे में अपनी रिपोर्ट फरवरी में मुख्यमंत्री को सौंपी थी। समिति ने कर्मचारियों के वेतन के प्रतिशत के अनुसार एचआरए-सीसीए बढ़ाने की सिफारिश की थी। इससे किसी कर्मचारी का भत्ता कम तो किसी का बहुत ज्यादा बढ़ रहा था। ऐसे में सरकार ने समिति की सिफारिशों का परीक्षण करने के बाद सभी कर्मचारियों व शिक्षकों के एचआरए और सीसीए को दोगुना करने का निर्णय किया है।
एचआरए को दोगुना करने के फैसले से राज्य सरकार के खजाने पर सालाना 2223 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आएगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि एक अगस्त 2016 को सरकार ने एचआरए में 20 प्रतिशत इजाफा कर दिया था जिस पर 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च आया था। लिहाजा एचआरए में अब जो बढ़ोतरी हुई है, उससे खजाने पर 1723 करोड़ रुपये का वास्तविक अतिरिक्त व्ययभार आएगा।
सरकार ने एचआरए दोगुना करने के फैसले के साथ इसके लिए नगरों के वर्गीकरण में भी बदलाव किया है। पुनरीक्षित एचआरए के संदर्भ में 2011 की जनगणना के आधार पर पांच लाख या इससे अधिक आबादी वाले 15 शहर श्रेणी ’अ में रखे गए हैं। इनमें लखनऊ, कानपुर, मेरठ, बरेली, इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, नोएडा क्षेत्र (गौतम बुद्ध नगर), गाजियाबाद, अलीगढ़, फीरोजाबाद, झांसी, सहारनपुर और मुरादाबाद जिलों के शहरी क्षेत्र शामिल हैं। श्रेणी ’ब में श्रेणी ’अ के अलावा बाकी जिला मुख्यालय तथा 50 हजार या इससे अधिक और पांच लाख से कम आबादी वाले नगर शामिल किये गए हैं।
वहीं 50 हजार से कम आबादी वाले सभी नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र श्रेणी ’स में शामिल किये गए हैं। नये वर्गीकरण में फीरोजाबाद श्रेणी ’ब से ’अ में आ गया है। वहीं 16 नगरीय क्षेत्र जो अब तक प्रचलित व्यवस्था में अवर्गीकृत श्रेणी में आते थे, वे उच्चीकृत होकर श्रेणी ’ब में आ गए हैं। इनमें लहरपुर, बिस्वां, महमूदाबाद, आंवला, संडीला, स्योहारा, अतरौली, गुलावटी, सरधना, वृंदावन, कोशीकलां, टूंडला, अयोध्या, गजरौला, काल्पी व ग्रेटर नोएडा शामिल हैं।
सरकार के इस फैसले से श्रेणी ’अ के शहरों में एचआरए में न्यूनतम 1100 रुपये और अधिकतम 10500 रुपये की वृद्धि होगी। वहीं श्रेणी ’ब के नगरों में 550 से 5250 रुपये तक की वृद्धि होगी। श्रेणी ’स के अंतर्गत आने वाले नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में एचआरए 365 से 3500 रुपये तक बढ़ेगा।
सीसीए को दोगुना करने के फैसले के साथ सरकार ने इसके लिए नगरों को चार श्रेणियों में बांटा है। पहली श्रेणी में कानपुर, लखनऊ, नोएडा व ग्रेटर नोएडा शामिल किये गए हैं। इन शहरों में सीसीए में न्यूनतम 170 रुपये और अधिकतम 450 रुपये वृद्धि होगी। दूसरी श्रेणी में वाराणसी, मेरठ, आगरा व इलाहाबाद के नगरीय क्षेत्र हैं जिनमें सीसीए 120 से 360 रुपये तक बढ़ेगा। तीसरी श्रेणी में बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, मुरादाबाद व अलीगढ़ के नगरीय क्षेत्र शामिल हैं। इनमें सीसीए में 80 से 300 रुपये तक इजाफा होगा। चौथी श्रेणी में शेष जिला मुख्यालय और एक लाख या इससे अधिक आबादी वाले नगर शामिल हैं। इनमें सीसीए 50 से 200 रुपये तक बढ़ेगा।
सीसीए को दोगुना करने के निर्णय से सरकार पर 175 करोड़ रुपये वार्षिक व्ययभार आएगा।
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