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UP इन्वेस्टर्स समिट 2018 : साइन हुए 4.28 लाख करोड़ के MOU

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को इन्वेस्टर्स समिट में 4.28 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन किये। खास बात यह है कि यह राशि प्रदेश सरकार द्वारा अगले वित्तीय वर्ष के व्यवस्था किये गये बजट के बराबर है। यानि सरकार का बजट भी 4.28 लाख करोड़ रुपये का है। ये एमओयू 500 कंपनियों ने साइन किये हैं।

इससे पूर्व इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इस दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट-2018 के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को बार-बार कहते हैं कि विकास का कोई विकल्प नहीं हो सकता। विकास के लिए सुशासन की जरूरत है। अगर हमें भारत को महाशक्ति के रूप में विश्वपटल पर लाना है तो वह मार्ग उत्तर प्रदेश से जाता है।

मुख्यमंत्री ने आज कहा कि प्रत्येक एमओयू के क्रियान्वयन का काम वे खुद अपनी निगरानी में रखेंगे। वह लगातार समीक्षा करेंगे ताकि निवेशकों को कहीं कोई असुविधा न हो। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के विजन को साकार करने के लिए यूपी को आगे बढ़ाएंगे।

तीन साल में मिलेगा 40 लाख लोगों को रोजगार

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरकार 3 साल में 40 लाख रोजगार देगी। नई औद्योगिक नीति पूरी तरह रोजगारपरक है। कहा कि देश के जाने-माने उद्योगपतियों को साथ लेकर राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया गया है। बिजनेस रिफार्म एक्शन के लिए उनके 20 विभाग लगे हैं। उद्योगों का अनुमोदन, स्वीकृति और अन्य प्रक्रियाओं का त्वरित निस्तारण एक छत के नीचे हो, इसके लिए डिजिटल क्लियरेंस सिस्टम स्थापित किया गया है। इसकी निगरानी उनका सीएम कार्यालय करेगा।

UP को बीमारू राज्य की श्रेणी से उबारना लक्ष्य

योगी ने कहा कि इस समिट में जो फोकस सेक्टर तय किये हैं, उनमें एग्रो, फूड प्रोसोसिंग, डेरी, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चर, आईटी, टूरिज्म, सिविल एविएशन लघु एवं मध्यम उद्योग, हैण्डलूम, फिल्म और ग्लोबल एनर्जी आदि शामिल हैं। कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में यूपी को पिछड़े और बीमारू राज्य की श्रेणी से उबारने का लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट उसकी एक कड़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सबकी भागीदारी से प्रदेश में विकास की संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। इसकी प्रदेश की जनता बहुत दिनों से प्रतीक्षा कर रही है। किसी भी राज्य को विकसित करने के लिए सुदृढ़ कानून- व्यवस्था, गुणवत्ता युक्त इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिजली की अनवरत आपूर्ति, सड़कें, परिवहन, सिंचाई की बेहतर व्यवस्था, उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ व शिक्षित मानव संसाधन, स्मार्ट प्रशासनिक व्यवस्था बुनियादी आवश्यकताएं हैं। इसके साथ ही सरकार की नीतियों को जमीन पर लाने के लिए पारदर्शी और जागरूक व्यवस्था भी जरूरी है।

पिछले 11 महीनों में हमारी सरकार ने कानून का राज्य स्थापित करने में जरूरी प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जिन 99 शहरों की घोषणा की है, उनमें 10 शहर उत्तर प्रदेश के हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शहरों में मेट्रो का जिक्र करते हुए कहा कि लखनऊ में मेट्रो का संचालन शुरू हो चुका है। कानपुर, मेरठ और आगरा में मेट्रो संचालन की डीपीआर को केन्द्र ने मंजूरी दे दी है। वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद और झांसी में संशोधित डीपीआर तैयार की जा रही है।

स्टार्टअप पॉलिसी को आगे बढ़ाया जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में ऐसा औद्योगिक माहौल बनाना चाहती है, जिसमें नये और पारंपरिक उद्यम एक साथ विकसित हो सकें। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट के तहत विभिन्न जिलों के पारम्परिक उत्पाद को बढ़ावा देने का काम शुरू हो चुका है। इसमें अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो सके, इसके लिए नए उद्यमियों को सहायता देने के लिए केन्द्र सरकार की तर्ज पर स्टार्टअप पॉलिसी को आगे बढ़ाया जाएगा। नए उद्यमियों के को इनोवेशन में मदद करने के लिए कानपुर के आईआईटी, बीएचयू और प्रदेश के 30 संस्थानों को लगाया गया है।

औद्योगिक विकास के लिए पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड कॉरिडोर बनाने की घोषणा की जा चुकी है। इन्हें देश के ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। प्रदेश में विभिन्न शहरों को आपस में जोड़ने के लिए रीजनल कनेक्टिविटी शुरू की गई है। इसके चलते पयर्टन, कृषि निर्यात और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। जेवर अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना भी जाएगी। पॉवर फॉर ऑल के लिए केन्द्र सरकार के साथ करार किया जा चुका है। केन्द्र सरकार की सौभाग्य योजना के तहत 2019 तक डेढ़ करोड़ घरों में निःशुल्क बिजली कनेक्शन दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में युवा शक्ति का प्रचुर भंडार है। 30 साल से कम युवक 60 फीसदी हैं। प्रदेश के आईटीआई को कौशल विकास से जोड़कर उद्योगों को दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में ग्रीन ऊर्जा, जैव ऊर्जा, बायोगैस, बायोडीजल के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर संभावनाएं हैं। पयर्टन नीति को रोजगारपरक बनाया जा रहा है। पयर्टन में भी निवेश की भारी संभावनाएं हैं।

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