कोरोना संक्रमण में पौष्टिक भोजनकोरोना संक्रमण में पौष्टिक भोजन

नयी दिल्लीः कोरोना या कोविड संक्रमण पर अभी तक हुए शोधों से एक बात तो साफ हो गयी है कि कोई भी डाइट या भोजन कोविड-19 संक्रमण को रोकने या ठीक करने का काम नहीं कर सकता लेकिन इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune power) को मजबूत बनाकर संक्रमण से लड़ने में मदद जरूर मिल सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, अच्छे पोषण (Nutrition) के जरिये मोटापा, हृद्य संबंधी बीमारियों, मधुमेह और कुछ प्रकार के कैंसर सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। जहां तक शिशुओं की बात हैं, उनके लिए छह माह तक मां का दूध सर्वश्रेष्ठ भोजन है।

ऐसा हो आपका भोजन

-ताजे फल, सब्जियां, मांस, मछली, अंडा, दूध गेहूं, मक्का, चावल, दाल और बीन्स जैसे फलियों का नियमित रूप से सेवन करें। मक्का, बाजरा, जई, ज्वार, मडुवा, काला गेहूं और ब्राउन चावल में उच्चकोटि का फाइबर होता है जिससे न केवल पेट ज्यादा देर तक भरा लगता है बल्कि पाचन भी अच्छा होता। इनका सेवन आपको अधिक मात्रा में भोजन या ओवर ईटिंग से बचाता है। ओवर ईटिंग से न केवल पेट खराब होता है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है।

-अच्छे पोषण के लिए जरूरी है कि आप दिन की शुरुआत कम से कम दो गिलास गर्म पानी पीने के साथ करें। हल्का व्यायाम करें। पौष्टिक नाश्ता करें। इसमें ताजे फल, सूखे, उबले अंडे, मल्टी ग्रेन आटे की रोटियां, दही, मट्ठा, दूध आदि ले सकते हैं। चाय और कॉफी का सेवन कम से कम करें या न करें।

-एक दिन में 5 ग्राम (एक चम्मच के बराबर) से  ज्याद नमक का सेवन न करें। ज्यादा नमक आपकी हृदय और धमनियों पर गंभीर दुष्प्रभाव डालता है। न केवल घर में खाना बनाते नमक का कम से कम नमक इस्तेमाल करें बल्कि डिब्बा बंद और पैकेट में मिलने वाले भोजन से भी बचें। कम सोडियम सामग्री वाले उत्पादों का सेवन करें।

-तिल, सरसों और जैतून के तेल तथा घाय के घी का सेवन सर्वोत्तम है। पके हुए या तलने के लिए इस्तेमाल किये जा चुके तेल-घी का सेवन न करें।

-मिल में बनने वाली चीनी कई तरह की समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। इसलिए मीठे पेय, सुगंधित और कोक वाले पेय पदार्थ आदि का सेवन कम से कम करें। मीठा ही खाना है तो फल खाएं।

-शरीर में पानी का स्तर बना रहना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए रोजाना पर्याप्त पानी पियें। प्यास लगे या न लगे लेकिन पानी पीते रहें। सादा पानी सर्वोत्तम है। मीठे फलों का रस भी सीमित मात्रा में ही लें। इसके बजाय सीधे फलों को ही खायें।

विशेषः अपना डाइट चार्ट तैयार करने से पहले अपने डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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