Opinion

अयोध्या दीपोत्सव : इस बार परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम

योध्या में इस बार का दीपोत्सव परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम होगा। 11 नवंबर से 13 नवंबर तक आयोजित होने जा रहे चौथे भव्य दीपोत्सव से पूर्व उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार देश-विदेश के रामभक्तों के लिए एक ऐसा वर्चुअल डिजीटल प्लेटफार्म ला रही है जिसमें आप घर बैठे अपना एक “डिजिटल दिया” अयोध्या के रामलला मंदिर में जला सकेंगे। इसमें आपको कई प्रकार के दीप और तेल के भी ऑप्शंस मिलेंगे। दिया जलाने के बाद आपको मुख्यमंत्री की ओर से आपके विवरण अनुसार डिजिटल पत्रक भी मिलेगा।                              

रामनगरी में सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी, नया घाट आदि घाटों पर इस बार 5.5 लाख दीप जगमग होंगे। दीपोत्सव का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरयू की संध्या आरती एवं रामलला के समक्ष पर्यावरण अनकूल गोबर से बने दीपक को प्रज्वलित कर शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ रामकथा पार्क में पुष्पक विमान से आये राम-सीता के स्वरूप की आरती भी करेंगे। 13 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी वर्चुअल दीप प्रज्वलित करेगे। कोविड-19 के मद्देनजर एहतियात के तौर पर इस कार्यक्रम का प्रसारण भी होगा। वर्चुअल कार्यक्रम को सोशल मीडिया पर भी देखा जा सकेगा।                       

रामलाला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने का एक वर्ष पूरा होने के वजह से इस बार के दीपोत्सव को ज्यादा से ज्यादा भव्य बनाने का प्रयास है। लगभग 492 साल बाद ऐसा शुभ अवसर आया है। इसे यादगार बनाने के लिए डिजिटल अतिशबाजी एवं लेजर शो भी होंगे। 20 लोकनृत्य दलों के कलाकार राम से संबंधित नृत्य नाटिका आदि कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। डाक विभाग एक डाक कवर भी जारी करेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में अयोध्या में भव्य दीपोत्सव शुरू कराया था। इस बार चौथा दीपोत्सव है जो 11 नवंबर से शुरू होगा। मुख्य कार्यक्रम 13 को होगा जब सरयू तट पर 30 ब्लॉक बनाकर 5.50 लाख दीप जगमग किए जाएगे। राम मनोहर लोहिया अवध विश्विद्यालय की देखरेख में होने वाले इस आयोजन में मंच के पास थ्रीडी पैटर्न पर चित्रण कर पुष्पक विमान उतारने का भी आभास होगा। गिनीज बुक रिकार्ड के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि पर्यावरण अनुकूल गोबर एवं मिट्टी के बने दिये लगभग पौन घंटे तक जगमग होते रहें। अवध विश्वविद्यालय दीपों को जगमग करने की व्यवस्था में 7 हजार वालंटियर्स लगाएगा। सरयू तट पर प्रवेश केवल पास धारको को ही मिलेगा।

राम मंदिर निर्माण के लिए 1200 पिलर बनाने की प्रक्रिया दीपावली के बाद शुरू होगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने राम जन्मस्थान मंदिर परिसर को भव्य और अनुपन बनाने के लिए आम लोगों से भी सुझाव मांगे हैं। राम मंदिर को साढ़े 39 महीनों में बनाने का लक्ष्य है।

                                                    
निर्भय सक्सेना

(लेखक उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं)

 
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