त्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण की वजह से दिवंगत हुए शिक्षकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को 30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का उत्तर प्रदेश सरकार का निर्णय अपने आप में अभूतपूर्व है। चुनाव ड्यूटी के दौरान मरने वाले कार्मिकों को दिए जाने वाली अनुग्रह राशि के सम्बन्ध में जारी चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों में बदलाव कर नए दिशा निर्देश बनाकर उत्तर प्रदेश सरकार ने इतिहास रच दिया है। इस अभूतपूर्व कदम के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बधाई एवं साधुवाद के पात्र हैं।

शासन के नए निर्देशों के अनुरूप चुनाव की तिथि से 30 दिन बाद की अवधि के दौरान जान गंवाने वाले कार्मिकों के परिवारों को यह अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। चुनाव आयोग के पुराने दिशा निर्देशों के अनुसार केवल चुनाव ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले कार्मिकों को अनुग्रह राशि देने का प्रावधान था।

आपको याद होगा कि उत्तर प्रदेश में सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव में कोरोना की चपेट में आकर बड़ी संख्या में शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। प्रदेश के शिक्षक एवं कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश के डेढ़ हजार के आस-पास मृत शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सूची शासन को सौंपी थी। मगर चुनाव आयोग ने केवल 74 कर्मचारियों को पुराने दिशा-निर्देशों के अनुरूप चुनाव के दौरान मृत घोषित किया था जिससे कर्मचारी एवं शिक्षक संगठनों में उबाल आ गया था। शिक्षक संगठनों एवं कर्मचारी संगठनों ने चुनाव आयोग द्वारा जारी सूची की कड़ी आलोचना की थी और सभी दिवंगत कार्मिकों को अनुग्रह राशि नहीं दिए जाने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी थी।

मामला संवेदनशील था और संगठनों की मांग न्यायसंगत थी इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव को चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों में बदलाव के निर्देश दिए। इस मामले में मुख्यमंत्री के सख्त रवैये को देखते हुए शासन ने चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों में बदलाव कर दिया है। जो कार्मिक दिवंगत हो गया उसकी जान की भरपाई तो कोई अनुग्रह राशि नहीं कर सकती  मगर इससे दिवंगत कार्मिकों के परिवारों को आर्थिक संकट से उबरने में मदद अवश्य मिलेगी।

सुरेश बाबू मिश्रा

(सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य)

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