मास्क न पहनना, दो गज की दूरी का पालन न करना एवं भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाना जैसी हमारी लापरवाही अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर को निमंत्रण दे सकती है। महाराष्ट्र केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल में कोरोना मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ ही रही है जो चिंता का विषय है। भारत सरकार ने कोरोना प्रतिबन्धों की अवधि 30 सितंबर 2021 तक बढ़ा दी है।
गुड़गांव के मेदांता अस्पताल के चेयरमैन और विश्व प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ नरेश त्रेहन ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि अभी तक देश में बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है, ऐसे में क्या स्कूलों को कुछ और महीने बंद नहीं रखा जा सकता है। आखिर राज्य सरकारें स्कूलों को जल्दी खोलने को लेकर इतना बेचैन क्यों हैं? डॉ त्रेहन ने कहा कि अगर कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा संख्या में बीमार हो गये तो हमारे पास उनके इलाज के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। भारत की जनसंख्या बहुत ज्यादा है, इस बात का ध्यान रखते हुए हमें तीसरी लहर के प्रति ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए। हमारे देश में बच्चों का टीका बहुत जल्दी तैयार होने वाला है, ऐसे में बच्चों को वैक्सीनेशन से पहले स्कूल में बुलाया जाना कहीं से भी तर्कसंगत नहीं लगता है। डॉ त्रेहन ने यह भी कहा कि क्या हम भारतवासी कुछ महीनों तक धैर्य भी नहीं रख सकते हैं। कुछ ही महीनों में बच्चों के लिए कोरोना वायरस का टीका आ जायेगा। ऐसे में अगर बच्चे टीकाकरण के बाद स्कूल जायेंगे तो वे ज्यादा सुरक्षित होंगे और संक्रमण का खतरा भी कम होगा।
भारत मे अब तक 65 करोड़ से अधिक लोगो को कोविड का प्रथम टीकाकरण हो चुका है। देश मे मंगलवार को 1 दिन में एक करोड़ 25 लाख वैक्सीन लगाने का रिकार्ड बनाया गया जबकि पूर्व में भी एक दिन में एक करोड़ लोगों को एक दिन में ही टीका लगाने का भी रिकार्ड बना था। इधऱ स्वदेशी कोविड वैक्सीन नेजल स्प्रे का दूसरा ट्रायल कानपुर में शुरू हो चुका है। रिलायंस भी कोविड वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रही है।
अगर विश्व की बात की जाए तो अमरीका में स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों में कोरोना संक्रमण फैल रहा है जिससे उनके परिवारीजन भी उसकी चपेट में आ रहे हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिकस के अनुसार एक सप्ताह में अमरीका में 1.80 लाख बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए है जबकि उससे पहले के सप्ताह में 1.21 लाख बच्चों में संक्रमण हुआ था। स्मरण रहे कोविड-19 की उत्पत्ति को भी लेकर अभी तक कोई सटीक रिपोर्ट नहीं आ सकी है जबकि दुनियाभर वैज्ञानिको की अंगुली चीन के बुहान पर उठी थी। हालांकि चीन ने ऐसे आरोपों को खारिज कर दिया था।
देश मे जन्माष्टमी पर्व के बाद उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश में सतर्कता बढ़ाकर रात 10 बजे से कोरोना कर्फ्यू को सख्ती से लागू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने समीक्षा के बाद निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश में रात 10 बजे तक बाजार बंद हो जाएंगे और सड़कों पर अनावश्यक घूमते लोगों परसख्ती की जाएगी। रात्रिकालीन कर्फ्यू को प्रभावी बनाने के लिए रात 9 बजे से ही पुलिस टीम लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को 10 बजे तक घर जाने की अपील भी करेगी, ताकि कोरोना की तीसरी लहर को रोक जा सके।
भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 30,941 नए मामले आए, 36,275 मरीजों की रिकवरी हुई और 350 लोगों की कोरोना से मौत भी हुई। अब सक्रिय मामले 3,70,640 हैं। देश में अब तक 4 लाख 38 हजार 560 मौत हो चुकी हैं, जबकि कुल प्रथम वैक्सीनेशन का आंकड़ा 65 करोड़ को पार कर चुका है। मंगलबार को 1 दिन में एक करोड़ 25 लाख वेक्सीन लगाने का रिकार्ड बनाया गया।
भारत देश में कोरोना की तीसरी लहर कब आएगी, इसको लेकर अलग-अलग राय व्यक्त की जा रही हैं। कुछ विशेषज्ञों ने दावा किया कि भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर 2021 के बीच तेज हो सकती है। हालांकि इसकी तीव्रता दूसरी कोविड लहर की तुलना में कम ही होगी। कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिक एम. अग्रवाल ने कहा है कि अगर कोरोना वायरस का कोई नया स्वरूप नहीं आता है तो स्थिति में बदलाव की संभावना नहीं है। अग्रवाल उस तीन सदस्यीय विशेषज्ञ दल में हैं जिसे संक्रमण में बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाने का कार्य दिया गया है। उनके अनुसार अगर तीसरी लहर आती है तो भारत में प्रतिदिन एक लाख मामले सामने आएंगे, जबकि मई में दूसरी लहर के चरम पर रहने के दौरान प्रतिदिन चार लाख मामले सामने आ रहे थे। दूसरी लहर में हजारों लोगों की मौत भी हो गई और कई लाख लोग संक्रमित हो गए थे। अगर कोरोना का कोई और नया वैरिएंट नहीं आता है तो देश मे सामान्य स्थिति बनी रहेगी। सितंबर 2021 तक अगर 50 फीसदी ज्यादा संक्रामक कोविड वैरिएंट सामने आता है तो नया स्वरूप सामने आएगा। नए वैरिएंट से ही तीसरी लहर आएगी और उस स्थिति में नये मामले बढ़ सकते हैं।
कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर जल्द शुरू होने की चर्चाओं के बीच हिमाचल प्रदेस के स्वास्थ्य के अनुसार 100 प्रतिशत बालिग आबादी को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगा दी है। उसका दावा है कि ऐसा करने वाला हिमाचल प्रदेश भारत का पहला राज्य बन गया है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य 30 नवंबर तक इन सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने का है। अभी तक कुल 13 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं।
निर्भय सक्सेना
(वरिष्ठ पत्रकार)
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