BareillyLive : सत्रह वर्ष की किशोरावस्था में पहुंचते-पहुंचते 11 परिवारों से जुड़कर बना मानव सेवा क्लब सवा सौ परिवार वाला हो गया। मानव सेवा क्लब जिस उद्देश्य को लेकर बना उसे उसने आत्मसात किया और समाज के कुछ बड़े सरीखे लोगों जैसे प्रो.वसीम बरेलवी, डा. अरुण कुमार, सुप्रिया ऐरन, प्रो.एन. एल. शर्मा, ए. पी. गुप्ता के दिशा -निर्देशन में क्लब का कारवां बढ़ता गया और इसके सेवा कार्यों से प्रभावित होकर कर्मशील लोग इससे जुड़ते चले गए। देश में आये संकट काल में भी इसकी गतिविधियां कम नहीं हुईं क्लब ने लगातार जरूरतमंदों की सेवा की। इसकी सक्रियता को देखकर इससे लोग और जुड़े और आज यह क्लब सवा सौ परिवार वाला हो गया। हर वर्ष क्लब रिकार्ड 70 से ज्यादा सेवा के कार्य करता है वर्ष 2022-23 में क्लब ने 74 सेवा कार्य करके रिकार्ड स्थापित किया है। 20 जुलाई 2006 को इसकी स्थापना मशहूर शायर प्रो. वसीम बरेलवी की अध्यक्षता में एक औपचारिक बैठक में हुई थी। तब ए. पी. गुप्ता को इसका अध्यक्ष मनोनित किया गया था और उनके साथ काम करने के लिये 11 लोगों की टीम का गठन किया गया था। क्लब का मुख्य उद्देश्य हर क्षेत्र में जरुरतमंदो की सेवा करना रखा गया। क्लब अब तक 682 से भी ज्यादा बहुत ही जरूरतमंद निर्धन कन्याओं की शादी करा चुका है। हर वर्ष बहुत ही जरूरतमंद 25 से भी अधिक बच्चों का शुल्क स्कूल में जमा करके उनकी शिक्षा को जारी रखना और उनकी अध्ययन सामग्री को उपलब्ध कराने का काम भी मानव सेवा क्लब बखूबी कर रहा है। इसके अलावा मानव सेवा क्लब ग्रामीण क्षेत्रों में जरुरतमंदो के लिए स्वास्थ्य शिविर और मुफ्त दवा वितरण कराता है। समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित करता है। प्रत्येक त्यौहार पर वृद्धाश्रम और अनाथालय में पहुंचकर उनके साथ खुशियां बांटने का प्रयास करता है। महापुरुषों की जयंती और बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर उनका स्मरण करता और कराता है। मानव सेवा क्लब समय-समय पर साहित्य चेतना को लोगों तक पहुंचाने के लिये साहित्यिक गोष्ठियों का भी आयोजन करता है। बहुत सारी सामाजिक गतिविधियों को समेटे मानव सेवा क्लब अपना 18 वां स्थापना दिवस रोटरी भवन में गुरुवार 20 जुलाई को सायं 7 बजे मना रहा है। क्लब की गतिविधियां ऐसे ही चलती रहें बस इसमें आपके आशीर्वाद और सहयोग की आवश्यकता है। इस वर्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा को अध्यक्ष और सत्येन्द्र कुमार सक्सेना को महासचिव का पदभार सौंपा गया है।